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त्रि-विद-कुक्षि सिद्धांत स्वास्थ्य की कुंजी है -आचार्य बलूनी

 त्रि-विद-कुक्षि सिद्धांत स्वास्थ्य की कुंजी है -आचार्य बलूनी


@डीपी मिश्रा 

बरखेडा ( पीलीभीत) बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल बरखेडा में चल रहे सात दिवसीय स्थापत्य व वास्तु ज्ञान के दूसरे दिन आचार्य सुशील बलूनी जी ने मानव शरीर का उसकी आत्मा निवास स्थान बताया। बलूनी जी के अनुसार शरीर का रक्षण आत्मा के सुचारु रूप से रहने के लिए नितांत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि 60% रोग पेट से तथा 30% रोग मन व बुद्धि के कारण होते हैं। हमें भोजन जागृत होकर करना चाहिए ,उदर की भूख को तीन भागों में विभाजित कर 33% भोजन,33% जल तथा 33% हवा व पाचन के लिए छोड़ना चाहिए। यही त्रिविद-कुक्षि सिद्धांत है इससे पाचन सुदृढ़ होगा व प्राण शक्ति मजबूत होगी। अधिक भोजन करने से शरीर में बीमारीयो का निर्माण होता है ।अगर मनुष्य का शरीर स्वस्थ व निरोगी होगा मानव तभी दायित्व व जगत का कल्याण कर सकें गा।

आचार्य जी ने चौरासी लाख योनियों में भटकतीं आत्मा किस प्रकार कितनी तपस्या के बाद मानव देह हासिल करती है,इस पर विशेष व दीर्घ चर्चा की ।साथ ही मनुष्य के जीवन के मिलने पर मानव - जन्म संबंधी कर्मों व कर्तव्यो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गृहस्थ जीवन के साथ- साथ वानप्रस्थ व संन्यास के दायित्वों का सुचारू रूप से निर्वहन किया जाए तो निश्चित आत्म कल्याण होगा व मनुष्य अपने अध्यात्मिक लक्ष्यों की प्राप्ति करेगा। दूसरे दिन कथा में भारी संख्या में किसान भाईयों ने परिवार सहित आकर कथा श्रवण किया।

इस मौके पर मुख्य रूप से जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम, सहकारी गन्ना विकास समिति बीसलपुर के सचिव राजेश कुमार,युनिट हेड आशीष त्रिपाठी, दीपक राना,के साथ सुबोध गुप्ता, जितेन्द्र साहनी,डा0 डी एन शर्मा,अर्चना त्रिपाठी,मंजू गुप्ता,दिवा मिश्रा, प्रीति साहनी,चित्रा यादव, कविता सिंह, सतविंदर कौर,किसान नेता हरिओम गंगवार, कमलेश शर्मा,मन्नी चौधरी, शोभाराम, सुभाष गंगवार, राम किशोर सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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