राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में अनुदेशकों का हंगामा, भाषण के बीच हुई नारेबाजी
राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में अनुदेशकों का हंगामा, भाषण के बीच हुई नारेबाजी
लखनऊ:
राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में अनुदेशकों का हंगामा, भाषण के बीच हुई नारेबाजी
अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में हजारों की संख्या में अनुदेशक आज लखनऊ में एकत्रित हुए थे. इस दौरान उन्होंने जुलूस निकला और नारेबाजी की. इसके बाद अनुदेशक राजनाथ के कार्यक्रम में भी पहुंच गए.
राजधानी लखनऊ पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के एक कार्यक्रम के दौरान अनुदेशकों का हंगामा देखने को मिला. बढ़े हुए मानदेय का भुगतान न होने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलित अनुदेशकों (इंस्ट्रक्टर) ने राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान ही नारेबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद राजनाथ सिंह ने भाषण रोककर उन्हें मंच पर बुलाया.
दरअसल, भारतीय लोधी महासभा की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे राजनाथ सिंह वीरांगना अवंतिबाई की शौर्य गाथा का वर्णन कर रहे थे, तभी वहां पहुंचे अनुदेशकों ने हंगामा शुरू कर दिया, जमकर नारेबाजी होने लगी. चित्रकूट से आई एक महिला अनुदेशक ममता विश्वकर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाना शुरू कर दिया. स्थिति बेकाबू होता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला. जिसके बाद मंच से ही राजनाथ ने इंस्पेक्टर से तीन लोगों को उनके पास लाने को कहा.
बता दें अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में हजारों की संख्या में अनुदेशक आज लखनऊ में एकत्रित हुए थे. इस दौरान उन्होंने जुलूस निकाला और नारेबाजी की. इसके बाद अनुदेशक राजनाथ के कार्यक्रम में भी पहुंच गए. अनुदेशकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद भी अधिकारी उनके बढ़े मानदेय का भुगतान नहीं कर रहे हैं. उनका कहना था कि मार्च 2017 में 17 हजार प्रतिमाह मानदेय की मंजूरी के बाद भी उसका भुगतान नहीं हुआ है.
अनुदेशकों की मांग है कि उनका नियमितीकरण कर दिया जाए. जब तक नियमितीकरण नहीं होता उन्हें कम से कम 24 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाए. साथ कार्यकाल के दौरान किसी अनुदेशक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए. अनुदेशकों को मेडिकल की सुविधा और महिला अनुदेशक की शादी होने पर उसके ससुराल के बगल में स्थानांतरित किया जाए.
लखनऊ:
राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में अनुदेशकों का हंगामा, भाषण के बीच हुई नारेबाजी
अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में हजारों की संख्या में अनुदेशक आज लखनऊ में एकत्रित हुए थे. इस दौरान उन्होंने जुलूस निकला और नारेबाजी की. इसके बाद अनुदेशक राजनाथ के कार्यक्रम में भी पहुंच गए.
राजधानी लखनऊ पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के एक कार्यक्रम के दौरान अनुदेशकों का हंगामा देखने को मिला. बढ़े हुए मानदेय का भुगतान न होने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलित अनुदेशकों (इंस्ट्रक्टर) ने राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान ही नारेबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद राजनाथ सिंह ने भाषण रोककर उन्हें मंच पर बुलाया.
दरअसल, भारतीय लोधी महासभा की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे राजनाथ सिंह वीरांगना अवंतिबाई की शौर्य गाथा का वर्णन कर रहे थे, तभी वहां पहुंचे अनुदेशकों ने हंगामा शुरू कर दिया, जमकर नारेबाजी होने लगी. चित्रकूट से आई एक महिला अनुदेशक ममता विश्वकर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाना शुरू कर दिया. स्थिति बेकाबू होता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला. जिसके बाद मंच से ही राजनाथ ने इंस्पेक्टर से तीन लोगों को उनके पास लाने को कहा.
बता दें अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में हजारों की संख्या में अनुदेशक आज लखनऊ में एकत्रित हुए थे. इस दौरान उन्होंने जुलूस निकाला और नारेबाजी की. इसके बाद अनुदेशक राजनाथ के कार्यक्रम में भी पहुंच गए. अनुदेशकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद भी अधिकारी उनके बढ़े मानदेय का भुगतान नहीं कर रहे हैं. उनका कहना था कि मार्च 2017 में 17 हजार प्रतिमाह मानदेय की मंजूरी के बाद भी उसका भुगतान नहीं हुआ है.
अनुदेशकों की मांग है कि उनका नियमितीकरण कर दिया जाए. जब तक नियमितीकरण नहीं होता उन्हें कम से कम 24 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाए. साथ कार्यकाल के दौरान किसी अनुदेशक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए. अनुदेशकों को मेडिकल की सुविधा और महिला अनुदेशक की शादी होने पर उसके ससुराल के बगल में स्थानांतरित किया जाए.
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