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लखनऊ डॉ राजेश्वर सिंह ने किया माता तारा सिंह की स्मृति में बने कंप्यूटर लैब का शुभारंभ, डिजिटल साक्षरता पर दिया जोर

 लखनऊ डॉ राजेश्वर सिंह ने किया माता तारा सिंह की स्मृति में बने कंप्यूटर लैब का शुभारंभ, डिजिटल साक्षरता पर दिया जोर



अदिती न्यूज श्री 24 न्यूज पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


पत्रकार प्रवीण सैनी लखनऊ



बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा महत्वपूर्ण उन्हें हर सुविधा-संसाधन उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य : डॉ राजेश्वर सिंह



लखनऊ बच्चे देश का भविष्य है, इन्हीं के कंधों में आने वाले भारत की जिम्मेदारी है यह हमारा दायित्व है कि उनका मार्गदर्शन करें उन्हें प्रोत्साहित करें व हर सुविधा-संसाधन उपलब्ध कराएं ताकि वो अपनी प्रतिभा और लगन से हर क्षेत्र में देश का व अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रही है यह बातें सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहीं

शुक्रवार को अम्बरगंज स्थित सेंट मैरी पब्लिक इंटर कॉलेज में डॉ. राजेश्वर सिंह पहुंचे थे यहां उन्होंने अपनी माता तारा​ सिंह की स्मृति में स्थापित कंप्यूटर लैब का लोकार्पण किया कार्यक्रम में डॉ. राजेश्वर सिंह ने फीता काटकर कंप्यूटर लैब का शुभारंभ किया डॉ. राजेश्वर सिंह बच्चों को डिजिटल साक्षरता पर हमेशा जोर देते हैं उन्होंने स्कूल को पांच कंप्यूटर सिस्टम में दिए पहले भी डॉ. सिंह ने स्कूल को पांच कंप्यूटर सिस्टम दिए थे कार्यक्रम के दौरान स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी यहां डॉ. सिंह ने दसवीं कक्षा के पांच टॉपर्स को टैबलेट व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया

कार्यक्रम में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि जब बे​टी शिक्षित होती है तो परिवार समाज व देश शिक्षित होता है मेरी माता तारा सिंह ने 1961 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए किया था उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली था उनके मेहनत व समर्पण के कारण ही आज मैं आपके सामने आपकी सेवा के लिए उपस्थित हूं

डिजिटल शिक्षा के महत्व बताते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में किताबों डिजिटली मिलेंगी ऑफिस पेपरलेस होंगा मीटिंग जूम पर होंगी डाटा स्टोरेज आईक्लाउड पर होगा आने वाली नौकरियां जैसे डाटा एनालिसिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्चुअल रियलिटी से जुड़ीं होंगी इसके लिए डिजिटल साक्षरता अत्याधिक आवश्यक है इसलिए हमें डिजिटल शिक्षा पर अधिक जोर देना है अधिक से अधिक बच्चे को डिजिटली साक्षर बनाना है उन्होंने कहा कि बच्चों को कंप्यूटर लैंग्वजेस और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग का ज्ञान होना आवश्यक है बच्चों को सॉफ्टवेयर डेवलेंपमेंट के लिए प्रोग्रामिंग और कोडिंग भी सिखाई जानी चाहिए

शुक्रवार को डॉ. राजेश्वर सिंह ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में अयोजित इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस ऑन रुरल टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा पहुंचाने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अस्सी करोड़ लोगों के सतत विकास के लिए कार्य किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व डिजिटल शिक्षा पहुंचाना है विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने की दिशा में हमें काम करना होगा ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी भारत की विकास में अपना योगदान दें

उन्होंने कहा कि आज के रिसर्चर कल के क्रिएटर हैं भारत एक कृषि प्रधान देश है जब देश आजाद हुआ था तो उत्पादन चौवन मिलियन टन था जो आज तीन सौ मिलियन टन से अधिक हो गया है भावी शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों को नई तकनीक के माध्यम से खाद्य व दलहन उत्पादन में बढ़ोतरी करानी है अच्छे बीज गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराने है फसल चक्र के माध्यम से उत्पादन बढ़ाना है

भारत के सर्वांगीण विकास में ग्रामीण क्षेत्रों का विकास अति महत्वपूर्ण है भारत सरकार ग्रामीण भारत के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है सरकार की हर घर नल' योजना के माध्यम से गांवों में भी शुद्ध पेयजल जल ग्यारह करोड़ नल लगवाए गए हैं उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर दिए जा रहे है, मुफ्त राशन दिया जा रहा है, बिजली कनेक्शन पहुंच रहा है यह सब विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कारण ही संभव हुआ है सरकार ग्रामीण भारत के विकास को लेकर निरंतर कार्य कर रही है

कोविड काल में भारत के साइंटिस्ट और डॉक्टर्स ने भूमिका पर चर्चा करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि इस महामारी में साइंटिस्ट और डॉक्टर्स फ्रंटलाइन वारियर की सशक्त भूमिका निभाई ​थी उनकी मेहनत व लगन से ही आज भारत में प्रतिदिन पांच लाख पीपीई किट बनाने की क्षमता है कोरोना से पहले देश में ढाई हजार  आईसीयू बेड्स थे लेकिन आज ये संख्या डेढ लाख से अधिक है आक्सीजन प्लांट जो पहले एक सौ पचास भी नहीं थे आज डेढ हजार से ज्यादा हैं। छह महीने के भीतर भारत के वैज्ञानिकों ने स्वदेश वैक्सीन बनाई जिसने इस खतरनाक महामारी प्रकोप को रोका

उन्होंने कहा कि भारत की युवा शक्ति दुनिया के पाचवें सबसे बड़े देश के बराबर है हमारा कर्तव्य है कि हम युवाओं को प्रेरित करें ताकि वो अपने प्रगतिशील विचारों नवीन प्रयोग व खोज से भारत को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में सशक्त भूमिका निभाएं

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