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हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है के पर्याय थे सावरकर -भाटी

 हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है के पर्याय थे सावरकर -भाटी


@डीपी मिश्रा

पलियाकलां (खीरी) नगर के जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज में आयोजित समर कैम्प में देश के महापुरुषों के स्मरण के क्रम में स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रन्तिकारी वीर सावरकर की 142वीं जयंती हर्षॉल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर प्रधानाचार्य कृष्ण अवतार भाटी ने कहा कि वीर सावरकर हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व के पर्याय थे।वे मानवतावाद, सार्वभोमिक्तावाद व तर्कवाद के प्रबल पक्षकार थे।उन्होंने1904में अभिनव भारत नाम का एक संघठन बनाया। जिसके माध्यम से 1905,में बंगाल विभाजन का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने हिन्दू राष्ट्रवाद का उद्घोष किया। द्वितीय विश्व युद्ध के समय उन्होंने भारतीय राजनीति के हिन्दुकरण व हिन्दुओं के सैन्यकरण का आह्वान किया। उन्ही से प्रेरित होकर मदनलाल ढींगरा ने अंग्रेज पुलिस अधिकारी कर्जन को गोली से उड़ा दिया था।उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की हर सम्भव मदद की थी।उन्होंने बिर्टेन, फ़्रांस व जर्मनी में जाकर भारत की आजादी के लिए बहुत प्रयास किये। 7अप्रैल 1911को अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गिरफ्तार करके पोर्ट ब्लेयर  की सेल्यूलर जेल में डाल दिया गया। जिसे काला पानी की सजा कहा गया।सामाजिक विज्ञान शिक्षक अशोक वाजपेयी ने कहा कि उन्होंने हमेशा अखंड भारत की आजादी की वकालत की थी। आजादी मिलने के बाद उन्हें गाँधी जी के हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया। लेकिन बाद में अदालत ने उन्हें निर्दोष बताया। वे आजीवन देश व समाज के कल्याण में लगे रहे। 1966में ऐसे महान समाज सुधारक, लेखक, कवि व दूर दृष्टि वाले राजनीतिज्ञ इस देश से हमेशा के लिए विदा हो गये। इस अवसर पर नीलम कश्यप, गोल्डी, चंद्रप्रभा सिंह, अखिलेश वर्मा सहित विद्यालय की तमाम छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र प्रवक्ता अर्चना शुक्ला ने किया।

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