"वन नेशन, वन टाइम" पहल: केवल भारतीय मानक समय (IST) अनिवार्य!
"वन नेशन, वन टाइम" पहल: केवल भारतीय मानक समय (IST) अनिवार्य!
✅ भारत सरकार ने देशभर में एकीकृत समय व्यवस्था लागू करने के लिए "वन नेशन, वन टाइम" की घोषणा की है।
✅ इस पहल के अंतर्गत सभी कानूनी, वाणिज्यिक, डिजिटल और प्रशासनिक क्षेत्रों में केवल भारतीय मानक समय (IST) का प्रयोग अनिवार्य किया गया है।
✅ यह निर्णय उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से चर्चा के बाद सामने आया।
✅ उद्देश्य है कि एक समान समय व्यवस्था से देश के विभिन्न क्षेत्रों में समन्वय और कार्य कुशलता बढ़े।
📌 उद्देश्य और लाभ
➡ विभिन्न समय क्षेत्रों के कारण उत्पन्न भ्रम को समाप्त करना
➡ बैंकिंग, स्टॉक एक्सचेंज, दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में समय सटीकता सुनिश्चित करना
➡ व्यापार, प्रशासन और तकनीकी क्षेत्रों में एकरूपता और समय समन्वय को बढ़ावा
➡ पूरे देश के लिए एक समान समय प्रणाली सुनिश्चित करके संचालन को सरल बनाना
📌 कानूनी ढांचा: IST को वैधानिक मान्यता
➡ सरकार Legal Metrology (Indian Standard Time) Rules, 2025 लेकर आ रही है
➡ ये नियम स्पष्ट करेंगे कि केवल IST ही सभी कानूनी और वाणिज्यिक कार्यों में मान्य समय होगा
➡ किसी अन्य समय प्रणाली या संदर्भ का उपयोग आधिकारिक कार्यों में प्रतिबंधित होगा
➡ इससे प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी और समय व्यवस्था में एकरूपता आएगी
📌 समय सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रयोगशालाएं
✅ भारत सरकार 5 क्षेत्रीय समय मापन प्रयोगशालाएं (RRSLs) की स्थापना कर रही है:
➡ स्थापन स्थल: अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद, गुवाहाटी
✅ विशेषताएं:
🔹सभी प्रयोगशालाएं एटॉमिक क्लॉक्स से युक्त होंगी
🔹Network Time Protocol (NTP) और Precision Time Protocol (PTP) जैसी सुरक्षित तकनीकें अपनाई जाएंगी
🔹इन तकनीकों से समय की सटीकता मिलीसेकंड या माइक्रोसेकंड स्तर तक सुनिश्चित होगी
✅ लाभ:
🔹बैंकिंग, स्टॉक मार्केट, टेलीकॉम, बिजली आपूर्ति, परिवहन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को अत्यधिक सटीक समय मिलेगा
🔹समय की राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेसबिलिटी और विश्वसनीयता बढ़ेगी
📌 GPS पर निर्भरता घटाने की रणनीति
🔹इस पहल का एक प्रमुख उद्देश्य भारत की GPS (Global Positioning System) पर निर्भरता को कम करना है
🔹GPS आधारित समय प्रणाली हस्तक्षेप और सुरक्षा खतरों के प्रति संवेदनशील होती है
🔹सरकार का मानना है कि स्वदेशी समय व्यवस्था से भारत की साइबर सुरक्षा और कार्यकुशलता मजबूत होगी
🔹राष्ट्रीय अवसंरचना द्वारा समय सटीकता सुनिश्चित कर विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम की जाएगी
📌 विशेषज्ञों और संगठनों की साझेदारी
➡ यह पहल एक समूहिक प्रयास है जिसमें 2018 से अब तक 60 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं
➡ इसमें शामिल हुए हैं:
🔹ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन)
🔹CSIR-NPL (राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला)
🔹NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
🔹प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां
🔹100+ विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने इस परियोजना में योगदान दिया है
अतिरिक्त सचिव भरत खेरा ने इसे बेहतर शासन ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया
📌 भारतीय मानक समय (IST) की जानकारी
✅ समय क्षेत्र: UTC +5:30
✅ आधार: 82.5° पूर्व देशांतर, जो मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) से गुजरता है
✅ प्रभावित राज्य: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश
✅ स्थापना: 1906 में की गई, जिससे पहले भारत में बंबई, मद्रास, और कलकत्ता टाइम प्रचलन में थे
✅ रख-रखाव: CSIR-NPL द्वारा किया जाता है
✅ सटीकता:
🔹अल्ट्रा-प्रेसाइज एटॉमिक क्लॉक्स का उपयोग
🔹इन क्लॉक्स में लाखों वर्षों में मात्र 1 सेकंड की त्रुटि आती है
🔹Daylight Saving Time: भारत में नहीं अपनाया जाता; IST पूरे वर्ष समान रहता है
🔹अन्य देश: श्रीलंका भी इसी UTC +5:30 समय क्षेत्र का उपयोग करता है। मण्डल कॉर्डिनेटर राजकुमार सिंह श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़।
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