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डी-कोड बीजेपी ! पार्ट-2.... 25 दिसबंर को 25 करोड घरो में दीये जलाकर कहेगें हम तो सफल है !

पुण्य प्रसून बाजपेयी

डी-कोड बीजेपी ! पार्ट-2.... 25 दिसबंर को 25 करोड घरो में दीये जलाकर कहेगें हम तो सफल है !

होना तो ये चाहिये था कि चुनावी हार के बाद मोदी कहते कि शिवराज, रमन सिंह और वसुंधरा भी एक वजह थे कि 2014 में हमें जीत मिली । तीनो ने अपने अपने राज्य में विकास के लिये काफी कुछ किया । तीनो के गवर्नेंस का कोई सानी नहीं । हां , केन्द्र से कुछ भूल हुई । खासकर किसान-मजदूर और छोटे व्यापारियो को लेकर । गवर्नेंस के तौर तरीके भी केन्द्र की नीतियो को अमल में ला नहीं पाये । लेकिन हमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तिसगढ में चुनाी हार से सबक मिला है । हम जल्द ही खुद को दुरस्त कर लेंगे । लेकिन हो उल्टा रहा है । बताया जा रहा है कि मोदी-शाह ना होते तो हार का अंतर कहीं बडा होता । मोदी का चमत्कारी व्यक्तित्व और शाह की चाणक्य नीति ने ही मध्यप्रदेश और राजस्थान में पूरी तरह ढहने वाले किले को काफी हद तक बचा लिया । यानी हार के बाद मोदी-शाह से निकले तीन मैसेज साफ है । पहला, शिवराज, रमन सिंह, वसुधरा का अब कोई काम उनके अपने अपने राज्य में नहीं है । उन्हे केन्द्र में ला कर इस तरह सिमटा दिया जायेगा कि मोदी का लारजर दैन लाइफ वाला कद बरकरार रहे । दूसरा, संघ का जो विस्तार मोदी दौर में [पिछले साढे चार बरस ] हुआ उसमें भी वह काबिलियत बची नहीं है कि वह चुनावी जीत दिला सके । यानी संघ ये ना सोचे कि चुनाव जिताने में उसका कद मोदी से बडा हो गया है ।  तीसरा , मोदी-शाह के नेतृत्व को चुनौती देने के हालात भी बीजेपी में पैदा होने नहीं दिया जायेगें

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