मामले की जानकारी लेने पर पत्रकार से भड़के कोतवाल लखीमपुर
मामले की जानकारी लेने पर पत्रकार से भड़के कोतवाल लखीमपुर
*आरोपियों से मैनेज करने का चल रहा है खेल,मीडिया में मामला जाते देख आक्रोशित कोतवाल ने पत्रकार से अभद्रता करते हुए किया दबाव बनाने का प्रयास*
*एक ठगी मामले में पुलिस द्वारा की गई 2 दिन पूर्व गिरफ्तारी के मामले की जानकारी लेने गया पत्रकार कोतवाली सदर*
*मामला मीडिया के संज्ञान में जाते देख भड़के कोतवाल और बगैर जानकारी दिए कोतवाली से जाने की भी दी हिदायत*
*2 दिन से कोतवाली मे रोके आरोपियों का आखिर क्यों नहीं किया जा रहा चालान*
*लखीमपुर-खीरी*
मामले में लीपापोती कर मैनेज करने का खेल जारी वैसे भी कोतवाली में कोतवाल के चंद चहेते पत्रकारों के अलावा किसी को नहीं दी जाती कोई भी जानकारी,इन्हीं चंद लोगों के इशारे पर होता है कोतवाली संचालन का खेल इनको चौबीसों घंटे कोतवाली में कहीं भी बैठने कुछ भी करने का अधिकार यहां तक रात को गश्त के दौरान भी कोतवाल साहब की गाड़ी में वह साथ में घूमते दिखाई देते हैं जनाब कोतवाल की आंखों के सुरमा बने यह चंद चाटुकार गिरा रहे पत्रकारिता के साख और अपने ही जमात के लोगों का उड़वा रहे मखौल, *नवागत तेज तर्रार व स्वच्छ ईमानदार छवि की पुलिस अधीक्षक श्रीमती पूनम* जहां प्रेस मीटिंग बुलाकर मीडिया को *सम्मान पूर्वक मामले की जानकारी देती हैं* और अपने मातहतों को भी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने व मीडिया को सम्मान तथा वांछित जानकारी दिये जाने के कड़े निर्देश दे रही हैं।पर इनके आदेशों का शायद *कोतवाली सदर के प्रभारी* पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है यह *महोदय आंकड़ों की बाजीगरी में काफी माहिर* हैं। और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर किसी को भी अपमानित करने के लिए जाने जाते हैं इन्होंने अपने कुछ लोगों को *कोतवाली की प्राइवेट तौर पर कमान सौंप दी है*,और इन्ही के द्वारा सारा खेल खेला जाता है। धन उगाही का खेल, इनकी मनमानी के आगे कानून का राज कायम होना महज ख्याली पोलाव बनकर रह गया है। *कोतवाली में यदि किसी काम से जा रहे हो तो खबरदार हो जाइए,पहले गांधी जी के तीन बंदरों का गणेश परिक्रमा करिये*,तभी होगा काम,अन्यथा काम भी नहीं होगा और बेईज्जत भी होना पड़ेगा घाते मे,अब तो लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि *असली कोतवाल कौन है खैर कोतवाल कोई भी हो* वर्तमान कोतवाल के समय से अप्रत्यक्ष रुप से आदेश इन तीन चहेतों का काफी हद तक चलता है जिससे पुलिस की साख को बट्टा जरूर लग रहा है।
*आरोपियों से मैनेज करने का चल रहा है खेल,मीडिया में मामला जाते देख आक्रोशित कोतवाल ने पत्रकार से अभद्रता करते हुए किया दबाव बनाने का प्रयास*
*एक ठगी मामले में पुलिस द्वारा की गई 2 दिन पूर्व गिरफ्तारी के मामले की जानकारी लेने गया पत्रकार कोतवाली सदर*
*मामला मीडिया के संज्ञान में जाते देख भड़के कोतवाल और बगैर जानकारी दिए कोतवाली से जाने की भी दी हिदायत*
*2 दिन से कोतवाली मे रोके आरोपियों का आखिर क्यों नहीं किया जा रहा चालान*
*लखीमपुर-खीरी*
मामले में लीपापोती कर मैनेज करने का खेल जारी वैसे भी कोतवाली में कोतवाल के चंद चहेते पत्रकारों के अलावा किसी को नहीं दी जाती कोई भी जानकारी,इन्हीं चंद लोगों के इशारे पर होता है कोतवाली संचालन का खेल इनको चौबीसों घंटे कोतवाली में कहीं भी बैठने कुछ भी करने का अधिकार यहां तक रात को गश्त के दौरान भी कोतवाल साहब की गाड़ी में वह साथ में घूमते दिखाई देते हैं जनाब कोतवाल की आंखों के सुरमा बने यह चंद चाटुकार गिरा रहे पत्रकारिता के साख और अपने ही जमात के लोगों का उड़वा रहे मखौल, *नवागत तेज तर्रार व स्वच्छ ईमानदार छवि की पुलिस अधीक्षक श्रीमती पूनम* जहां प्रेस मीटिंग बुलाकर मीडिया को *सम्मान पूर्वक मामले की जानकारी देती हैं* और अपने मातहतों को भी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने व मीडिया को सम्मान तथा वांछित जानकारी दिये जाने के कड़े निर्देश दे रही हैं।पर इनके आदेशों का शायद *कोतवाली सदर के प्रभारी* पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है यह *महोदय आंकड़ों की बाजीगरी में काफी माहिर* हैं। और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर किसी को भी अपमानित करने के लिए जाने जाते हैं इन्होंने अपने कुछ लोगों को *कोतवाली की प्राइवेट तौर पर कमान सौंप दी है*,और इन्ही के द्वारा सारा खेल खेला जाता है। धन उगाही का खेल, इनकी मनमानी के आगे कानून का राज कायम होना महज ख्याली पोलाव बनकर रह गया है। *कोतवाली में यदि किसी काम से जा रहे हो तो खबरदार हो जाइए,पहले गांधी जी के तीन बंदरों का गणेश परिक्रमा करिये*,तभी होगा काम,अन्यथा काम भी नहीं होगा और बेईज्जत भी होना पड़ेगा घाते मे,अब तो लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि *असली कोतवाल कौन है खैर कोतवाल कोई भी हो* वर्तमान कोतवाल के समय से अप्रत्यक्ष रुप से आदेश इन तीन चहेतों का काफी हद तक चलता है जिससे पुलिस की साख को बट्टा जरूर लग रहा है।
Post a Comment