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राष्ट्रीय सेवा योजना की टैगोर इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुभाष चंद्रा ने सरस्वती पूजन किया एवं छात्र व छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की

राष्ट्रीय सेवा योजना की टैगोर इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुभाष चंद्रा ने सरस्वती पूजन किया एवं छात्र व छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की

सोम कटियार 
विशेष प्रतिनिधि 
राष्ट्र संवाद न्यूज़

   
लखीमपुर खीरी

राष्ट्रीय सेवा योजना की टैगोर इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन रविवार को बसंत पंजमी के शुभअवसर पर स्वयं सेवकों के साथ कार्यक्रम अधिकारी डाॅ0 सुभाष चन्द्रा ने सरस्वती पूजन किया एवं छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर स्वयं सेवकों को मिष्ठान एवं फलों का वितरण किया गया।

बसंतोत्सव मनाने के बाद शिविर में ‘योग साधना एवं जीवन में इसका महत्व’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का प्रारम्भ डाॅ0 सुभाष चन्द्रा ने योग साधना का परिचय कराते हुए किया और कहा कि वर्तमान में भारत ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर योग साधना का चित्त विशुद्धि एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है। जो कि सभी के लिए कल्याणकारी है। योगाचार्य अमित शुक्ला ने बताया कि योग साधना हमारी प्राचीन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। इसके साथ ही उन्होंने योग साधना के विभिन्न आयामों की विस्तार से चर्चा की। विचार गोष्ठी के उपरान्त योगाचार्य अमित शुक्ला ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ताड़ासन, शीर्षासन, वृक्षासन, उल्कटासन, भुजंगासन, पर्वतासन, धनुरासन एवं गोमुखासन आदि का अभ्यास करवाया व इनसे होने वाले लाभों को बताया। योगाभ्यास में स्वयं सेवकों के साथ-साथ श्री दीपक कुमार बाजपेई, श्रीमती गीतारानी, श्री वेद प्रकाश यादव, श्रीमती श्यामा गुप्ता एवं श्री हरिओम गुप्ता ने भी प्रतिभाग किया।

इसी क्रम में विशेष शिविर के छठे दिन सोमवार को ‘आपदा प्रबंधन पर कार्यशाला एवं माॅक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) का आयोजन किया गया। डाॅ0 सुभाष चन्द्रा ने आपदा प्रबन्धन कार्यशाला का संचालन करते हुए बताया कि जनसंख्या के बढ़ते दबाव एवं जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ  मानवीय आपदाओं का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। विगत दो दशकों में भारत में कई आपदायें ऐसी रही है, जिनका प्रत्यक्ष सम्बन्ध विद्यालयों से रहा है। जहाॅ इन आपदाओं ने हजारों बच्चों की जानें ली और सामान्य शिक्षा प्रणाली को प्रभावित किया है। इसलिए विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ यह आवश्यक है कि प्राकृतिक एवं मानवीय आपदाओं के निवारण साथ ही बच्चों के प्रति हिंसा एवं यौन उत्पीड़न भेदभाव आदि की घटनाओं को रोकने के भी विशेष उपाय किये जायें, जिससे छात्र/छात्राओं के लिए शिक्षा के प्रांगणों को पूर्णतः सुरक्षित बनाया जा सके। रेडक्रास की आरती श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे अपना सर्वाधिक समय अपने विद्यालय में व्यतीत करते है। अतः विद्यालय समय के दौरान उनकी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसलिए आवश्यक है कि आपदाओं से बचने व बच्चों की सुरक्षा के लिए विद्यालय परिसर में बांउड्रीवाल, प्रवेश गेट, संवेदनशील स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे, अग्निशमन यंत्र लगाये जायें और सुनिश्चित किया जाये कि विद्यालय कार्य दिवस के दौरान वे कार्यशील हों। लायन्स क्लब लखीमपुर के श्री आयेन्द्र पाल सिंह छात्र/छात्राओं को आपदा माॅक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) के बारे में तथा आपात स्थिति में हेल्प लाइन नं0ः 100-पुलिस सहायता, 108-एम्बुलेन्स, 101 अग्निशमन, 107 यातायात, 1090-महिला सुरक्षा, 109 चाइल्ड सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया।
प्राचार्य डाॅ0 डी0एन0 मालपानी ने बताया कि एन0एस0एस0 की टैगोर इकाई स्वयंसेवकों के सर्वांगीण विकास के साथ साथ उनमें सेवाभाव जागृत कर भविष्य में अच्छे नागरिक निर्माण में सहयोगी सिद्ध होगी। रेडक्रास सोसाइटी की आरती श्रीवास्तव, आयेन्द्र पाल सिंह, बबीता सक्सेना व मनोज सक्सेना ने कार्यशाला के उपरान्त एनएसएस स्वयंसेवकों व उच्च प्राथमिक विद्यालय, छाउछ के छात्र/छात्राओं को आपदा प्रबन्धक माॅक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) कराया। इस दौरान श्रीमती गीतारानी, श्री वेद प्रकाश, अनुराग सक्सेना, कुलदीप सिंह, विजय यादव के साथ-साथ कार्यशाला में बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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