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भीगी पलकों के साथ बहिनों ने सलाखों के पीछे अपने भाइयों की कलाई पर बांधा रक्षासूत्र

 भीगी पलकों के साथ बहिनों ने सलाखों के पीछे अपने भाइयों की कलाई पर बांधा रक्षासूत्र



जिला कारागार पर भाइयों से मिलने के लिए पहुँची बहिनों की अपार भीड़


अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


पत्रकार संजय मिश्रा शिवगढ़ रायबरेली 



बेहतर इंतजाम के बीच रक्षाबंधन पर जेल प्रबंधन ने कराई बहिनों की मुलाकात


 अलीगढ़ भाई बहिनों की अगाध श्रद्धा का प्रतीक कहा जाने वाला रक्षाबंधन का महापर्व अलीगढ़ में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया तो वहीं कुछ बहिनें ऐसी भी थीं जिन्हें भाई के मस्तक पर तिलक करते हुए वास्तव में रोना आ गया।हम बात कर रहे हैं जेल में निरुद्ध उन कैदियों के बारे में जिनसे मिलने औऱ उन्हें राखी बांधने के लिए उनकी बहिना ना जाने कहां कहां से आईं और जब जेल की सलाखों को पार करके बहिना ने अपने भाई की सूनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा औऱ उसके मस्तक पर तिलक किया तो इन माताओं बहिनों के आंसू खुद ब खुद झर झर बहने लगे।खास बात ये है कि अलीगढ़ जिला कारागार में चूंकि गैर जनपदों के कैदी भी रहते हैं इसलिए कारागार प्रबंधन ने पहले से यहां माकूल प्रबंध सुनिश्चित किए थे जहां एक हैल्प डेस्क जेल के बाहर तो दूसरी हेल्प डेस्क जेल के अंदर थी जिस पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ साथ डिप्टी जेलर रेंक के अधिकारी की तैनाती की गई।इधर जेल के सुप्रिडेंट बिजेंद्र सिंह ने बताया कि तलाशी के लिए महिला सुरक्षा कर्मी उपस्थित हैं और प्रातः काल साढ़े सात बजे से कतार लगाकर माताएं बहिनें अंदर जेल में अपने अपने भाई के साथ रक्षाबंधन मना रहीं हैं जेल सुप्रिडेंट ने कहा कि अधिक मात्रा में बाहर की मिठाई को बाहर रोक लिया जाता है और यहां मुलाकात का क्रम शाम पांच बजे के बाद तक अनवरत जारी रहेगाखास बात ये है कि इस दौरान जेल की सलाखों के पीछे रक्षाबंधन मनाने वाले भाइयों ने भी अपने अनुभव साझा किए औऱ बहिनों ने ये कामना की है कि उनके भाई जल्द इस काल कोठरी से बाहर निकलें अलबत्ता यहां जेल प्रशासन द्वारा किए जाने वाले इंतजाम पर सभी ने अपनी अपनी संतुष्टि जाहिर की।आपको बता दें कि रक्षाबंधन के पर्व पर जिला कारागार के बाहर सवेरे से ही बहिनों की लम्बी लम्बी कतार लगने लगी थी जबकि यहां इन बहिनों की सहूलियत को ध्यान में रखकर सामाजिक संस्था हैंड्स फ़ॉर हैल्प औऱ उम्मीद संस्था की ओर से पेयजल इत्यादि की व्यवस्था भी बाहर कैम्प लगाकर की गई

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