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लखनऊ लॉ एंड ऑर्डर की बैठक पर मुख्य सचिव के आदेश से माहौल में गर्मी बढ़ी

 लखनऊ लॉ एंड ऑर्डर की बैठक पर मुख्य सचिव के आदेश से माहौल में गर्मी बढ़ी 



अदिति न्यू श्री न्यूज़ 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ


लखनऊ  : उत्तर प्रदेश से जुड़ी आज की सबसे बड़ी ख़बर है सभी ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था और विकास योजनाओं की समीक्षा करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने नया शासनादेश जारी किया है जिससे सूबे की ब्यूरोक्रेसी और पुलिस महकमें में गर्मी बढ़ गई है


डीएम करेंगे क़ानून-व्यवस्था की बैठक की अध्यक्षता

 

दरअसल इस नए आदेश के मुताबिक़ ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था की बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे इन बैठकों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मौजूद रहना होगा दूसरी ओर जिन ज़िलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू है उनमें क़ानून-व्यवस्था के लिए होने वाली बैठक की अध्यक्षता पुलिस कमिश्नर करेंगे  इस बैठक में डीएम शामिल नहीं रहेंगे  दूसरी ओर विकास योजनाओं की समीक्षा करने के लिए होने वाली बैठकों की अध्यक्षता भी जिलाधिकारी करेंगे

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था और विकास योजनाओं की समीक्षा करने के लिए बैठकों का अलग-अलग आयोजन किया जाएगा मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से हर महीने ज़िलों की रैंकिंग जारी की जाती है। यह रैंकिंग जारी होने के बाद एक सप्ताह के भीतर बैठकों का आयोजन किया जाएगा विकास योजनाओं की बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी  जिसमें सभी विभागों के मुखिया मौजूद रहेंगे

जिन ज़िलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है उन ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए होने वाली बैठक की अध्यक्षता पुलिस कमिश्नर करेंगे  इन बैठकों में अपर पुलिस आयुक्त संयुक्त पुलिस आयुक्त पुलिस उपायुक्त सहायक पुलिस आयुक्त और थानाध्यक्ष शामिल होंगे साथ ही जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध और वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी बैठक में भाग लेंगे

जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं है उन ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए होने वाली बैठकों की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे इन बैठकों का आयोजन पुलिस लाइन में किया जाएगा  बैठकों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक अपर जिलाधिकारी प्रशासन अपर पुलिस अधीक्षक पुलिस उपाधीक्षक  थानाध्यक्ष जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध और वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी शामिल होंगे  ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक से पहले पुलिस विभाग की बैठक अपने स्तर पर करेंगे

मुख्य सचिव ने शासनादेश में कहा है कि जिला स्तर पर मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के लिए अलग-अलग नोडल अफ़सर नियुक्त किए जाएंगे विकास योजनाओं के लिए मुख्य विकास अधिकारी नोडल अफ़सर रहेंगे  क़ानून-व्यवस्था से जुड़ा काम देखने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्त को नोडल अफ़सर बनाया गया है राजस्व परियोजनाओं से जुड़ी जानकारियां मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर देने के लिए जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को नोडल अफ़सर नियुक्त किया गया है

इस आईएएस और आईपीएस अफ़सरों के बीच अधिकारों को लेकर खींचतान की बात नई नहीं है  तमाम ज़िले ऐसे हैं जहां जिलाधिकारी के समानांतर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक सीनियर बैच वाले हैं ऐसे में जूनियर बैच वाले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली क़ानून-व्यवस्था की बैठक में शामिल होने पर सीनियर आईपीएस अफ़सर असहज महसूस करते हैं कुछ दशक पहले तक ज़िलों की फ़ील्ड पोस्टिंग के लिए एक सामान्य व्यवस्था थी  जिसके तहत ज़िलों में पुलिस कप्तान जिलाधिकारी से जूनियर बैच के हुआ करते थे राज्य में गठबंधन सरकारों और उसके बाद सपा-बसपा सरकारों के दौर में इस व्यवस्था को दरकिनार कर दिया गया तमाम तरह के राजनीतिक जातिगत समीकरणों और सिफ़ारिश के ज़रिए आईएएस-आईपीएस अफ़सर मनचाहे ज़िलों में पोस्टिंग लेने लगे  जिसके चलते अफ़सरों के बीच सीनियर-जूनियर बैच की व्यवस्था को दरकिनार किया गया  जिसका परिणाम यह रहा कि ज़िलों में क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा और थानाध्यक्षों की नियुक्ति में जिलाधिकारी का दख़ल ख़त्म होता चला गया अब जब मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस व्यवस्था को नए सिरे से परिभाषित कर दिया है तो जूनियर सीनियर बैच वाला मसला परेशानी ज़रूर बनेगा

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