लखनऊ जन्माष्टमी में बन रहे सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग एवं अन्य योग कई वर्षो बाद आ रही शुभ घड़ी
लखनऊ जन्माष्टमी में बन रहे सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग एवं अन्य योग कई वर्षो बाद आ रही शुभ घड़ी
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ
जन्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार कृष्ण पक्ष अंधेरे पखवाड़े के आठवें दिन अष्टमी को भाद्रपद में मनाया जाता है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण भगवान नारायण के आठवे अवतार हैं एवं भगवान श्री कृष्ण का प्रादुर्भाव भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ दिनांक छह सितंबर को रात्रि में सात अट्ठावन के पक्ष अष्टमी लग जा रही है एवं अष्टमी तिथि का समापन दिनांक सात सितंबर को रात्रि में सात बावन पर हो रहा है ऐसा कहा जाता है की व्रत के समय पराया है अष्टमी तिथि रात्रि में भगवान का बारह बजे जन्म हुआ है इसलिए दिनांक छह सितंबर दो हजार तेईस को ही जन्माष्टमी सर्वमान्य है और सभी के लिए उपयुक्त है लेकिन कुछ लोग नक्षत्र प्रधान मान करके और उदय नक्षत्र प्रधान मान करके सात सितंबर को मानेंगे किंतु यह गोकुल के लोगों के लिए केवल ग्राही है क्योंकि गोकुल में नंद उत्सव मनाया जाता है इसलिए उनके लिए मान्य है और बाकी सभी के लिए अष्टमी का व्रत छह सितंबर को ही रहेगा ज्योतिष आचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र का अभिमन्यु दिनांक क्षेत्र सितंबर को ही है सात सितंबर को रोहिणी नक्षत्र रात्रि में बारह नहीं है इस बार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में कई प्रकार के योग बन रहे हैं इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग और साथ-साथ में हर्षण योग एवं सिद्धि योग में जन्माष्टमी मनाया जाएगा
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