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रायबरेली अलीगढ़ जैन धर्म के महापर्व दशलक्षण पर्व एवं क्षमावाणी पर्व का आगाज

 रायबरेली अलीगढ़ जैन धर्म के महापर्व दशलक्षण  पर्व एवं क्षमावाणी पर्व का आगाज 



अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल  रायबरेली


संवाददाता संजय मिश्रा शिवगढ़ रायबरेली 


 अलीगढ़ बुधवार को खिरनी गेट स्थित श्री लख्मीचन्द्र पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन ट्रस्ट परिसर में आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मंदिर पंचायत के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन मंत्री विजय कुमार जैन लख्मीचंद पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट के मंत्री विजय कुमार जैन सेठ संस,गंगेरवाल जैन सभा के अध्यक्ष राजीव जैन जैसवाल जैन सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जैन औऱ मीडिया प्रभारी मयंक जैन ने संयुक्त रूप से बताया कि जैन धर्म में दशलक्षण पर्व का बहुत महत्व है जबकि कोई भी पर्व किसी घटना या महापुरूष से सम्बंधित होता है किंतु जैन धर्म का यह पर्व आत्मा से जुड़ा हुआ है इसलिए इसे महापर्व कहते है  उन्होंने कहा कि जैन धर्म के अनुयायी इन दिनों में अपनी आत्मा की शुद्धि हेतु धार्मिक क्रियाओं में लीन रहते हुए अपनी अपनी क्षमता के अनुसार बाहरी वस्तुओं का त्याग करते हुए भगवान के गुणों का स्तवन करके व दान पुण्य इत्यादि करते है वहीं दशलक्षण महा पर्व वीतरागता का पोषक त्याग।तपस्या संयम एवं साधना का पर्व हैं औऱ जैनों का सबसे पवित्र पर्व दश लक्षण पर्व हैं दशलक्षण पर्व के दौरान जिनालयों में धर्म प्रभावना की जाती हैएनमंदिरों मे विशेष साफ सफाई सुंदर जगमग रोशनी से सजाया जा रहा है दिगम्बर सम्प्रदाय में यह पर्व प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला पचंमी से चतुर्दशी तक  मनाया जाता है इन दिनों में जैन मंदिरों मे खूब आनंद छाया रहता है प्रतिदिन उत्तम क्षमा मार्दव आर्जव शौच।सत्य संयम तप त्याग,आंकिन्चय और ब्रह्मचर्य जैसे धर्मों में से एक-एक धर्म का विवेचन होता है इसके अलावा प्रातःकाल में श्री लख्मीचंद पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन ट्रस्ट मंदिर में जैन मिलन महिला द्वारा सामूहिक संगीतमय पूजन का आयोजन सिद्धान्त प्रभाकर पण्डित प्रवीण जैन इंदौर के सानिध्य व निर्देशन में सम्पन्न होगा औऱ दोपहर को श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मन्दिर पंचायत मे बाल बह्मचारी राकेश भैया के सानिध्य व निर्देशन में श्री तत्वार्थसूत्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन होगा शाम को आरती भजन व प्रत्येक दिन धर्म के अनुसार प्रवचन स्वाध्याय किया जायेगा उसके उपरांत जैन समाज के अलग अलग संस्थाओं द्वारा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे तीस सितम्बर को प्रात: नौ बजे से बड़े मंदिर श्रीजी को पालकी यात्रा गाजे बाजे के साथ बाग के मंदिर पहुँचेगी औऱ दोपहर तीन बजे से भव्य रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जायेगा एकसितम्बर को बड़े मंदिर में सामूहिक जागरण होगा।वहीं त्याग धर्म के दिन परोपकारी संस्थाओं द्वारा दान किया जाता है और आश्विन कृष्णा प्रतिपदा के दिन पर्व की समाप्ति होने पर समाज के सब लोग एकत्र होकर परस्पर में गले मिलते हैं और गतवर्ष की अपनी गलतियों के लिए परस्पर क्षमायाचना करते हैं जिसे क्षमावाणी पर्व कहा जाता है जो लोग दूर देशांतर में बसते हैं उनसे सोशल मीडिया के माध्यम से क्षमायाचना की जाती है प्रेस वार्ता में राजीव जैन ने बताया कि इन दिनों में प्रायःसभी स्त्री-पुरुष अपनी-अपनी शक्ति के अनुसार व्रत-उपवास वगैराह करते हैं कोई कोई दसों दिन उपवास करते हैं औऱ बहुत से दसों दिन एक बार भोजन करते हैं इन्हीं दिनों में भाद्रपद शुक्ला दशमी को सुगंध दशमी पर्व होता है, इस दिन सब जैन स्त्री-पुरुष एकत्र होकर मंदिरों में धूप खेने के लिए जाते हैं भाद्रपद शुक्ला चतुर्दशी अनंत चतुर्दशी कहलाती है इसका जैनों में बड़ा महत्व है जैनशास्त्रों के अनुसार इन दिन व्रत करने से बड़ा लाभ होता है दूसरे यह दशलक्षण पर्व का अंतिम दिन भी है खास बात ये है कि अंतिम दिवस प्रायः सभी जैन पुरुष-स्त्री व्रत रखते हैं और पूरा दिन मंदिर में बिताते हैं औऱ शाम को जल से भगवान का अभिषेक करते हैं

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