लखनऊ उड़ीसा नोटरी पब्लिक द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र का कानून की नजर में कोई मूल्य नहीं उड़ीसा उच्च न्यायालय
लखनऊ उड़ीसा नोटरी पब्लिक द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र का कानून की नजर में कोई मूल्य नहीं उड़ीसा उच्च न्यायालय
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी
कोर्ट ने कहा नोटरी द्वारा इस तरह की अतिरिक्त-कानूनी और छलपूर्ण व्यवस्था से पार्टियों को विश्वास दिलाया जाता है वे कानूनी रूप से विवाहित है जबकि वास्तव मे उनकी शादी मे थोड़ी भी कानूनी पवित्रता नही है
जस्टिस संगम कुमार साहू और सिबो शंकर मिश्रा की पीठ ने बताया कि सार्वजनिक नोटरी द्वारा विवाह प्रमाण पत्र जारी करना नोटरी अधिनियम उन्नीस सौ बावन के तहत निर्धारित उनके कार्यों के दायरे से परे है
कोर्ट के आदेश में कहा गया है देशभर की अदालतों ने बार-बार एक ही स्वर में कहा है कि नोटरी न तो विवाह के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं और न ही वे कानूनी रूप से विवाह की किसी भी हस्ताक्षरित घोषणा को नोटरीकृत करने के हकदार हैं जो स्पष्ट रूप से नोटरी अधिनियम उन्नीस सौ बावन की धारा आठ के तहत निर्धारित उनके कार्यों के दायरे से परे है
उच्च न्यायालय ने इस तथ्य पर अपनी नाराजगी व्यक्त की कि इस पहलू पर उच्च न्यायालय के आधिकारिक निर्णयों के बावजूद नोटरी विवाह प्रमाणपत्र जारी करने से परहेज नहीं कर रहे हैं जिनका कानून की नजर में कोई मूल्य नहीं है
न्यायालय ने आगे इस बात पर गंभीर टिप्पणी की कि ऐसे नोटरी विवाह के किसी भी वैध सबूत के बिना विवाह की घोषणाओं के निष्पादन की अनुमति दे रहे हैं जिसके दूरगामी परिणाम होंगे
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