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लखनऊ कौशांबी किसने की भूमिका नहीं हो पा रहा है सत्यापन कंप्यूटर ऑपरेटर के मनमानी के चलते

 लखनऊ कौशांबी किसने की भूमिका नहीं हो पा रहा है सत्यापन कंप्यूटर ऑपरेटर के मनमानी के चलते



आज की न्यूज़ फ्री न्यूज़ 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


संवाददाता संजय मिश्रा शिवगढ़ रायबरेली


कौशाम्बी सरकारी धान खरीद केंद्रों में धान बिक्री के पूर्व किसानों के पंजीकरण की पूरी व्यवस्था पर कंप्यूटर ऑपरेटर भारी पड़ गया है कंप्यूटर ऑपरेटर के मनमानी के आगे धान खरीद अधिकारी से लेकर विभागीय अधिकारी बेबस दिखाई पड़ रहे हैं जिससे किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है किसानों की उपज बेचने के पूर्व उनके खतौनी की फीडिंग ऑनलाइन होती है ऑनलाइन फीडिंग की तारीख विभाग द्वारा इकतीस अगस्त निर्धारित की गई थी तमाम किसानों ने धान बिक्री के लिए ऑनलाइन फीडिंग कराई है पन्द्रह दिनों से अभिलेखों के सत्यापन के इंतजार में किसान पड़े हैं लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर मनमानी पर उतारू है उसका कहना है कि पोर्टल से ओटीपी नहीं आ रही है जबकि इसी बीच में तमाम किसानों से लेनदेन कर उनके अभिलेखों को सत्यापित कर दिया गया है लेकिन तमाम किसानों के भूमि का सत्यापन करने में संबंधित तहसील के कंप्यूटर फीडिंग ऑपरेटर मनमानी पर उतारू है बिना रकम लिए किसानों की भूमि का सत्यापन फीडिंग वह नहीं कर रहा हैं जिन किसानों ने कंप्यूटर ऑपरेटर की डिमांड पूरी कर दी है उनकी भूमि के सत्यापन फीडिंग हो गयी हैं और जिन किसानों ने कंप्यूटर ऑपरेटर की डिमांड पूर्ण करने में आना कानी की है उनके भूमि के अभिलेखों को सत्यापन करने में फीडिंग करने के लिए तमाम ड्रामेबाजी कंप्यूटर ऑपरेटर कर रहा हैं दो सप्ताह से अधिक बीत जाने के बाद भी तमाम किसानों की भूमि का सत्यापन के लिए फीडिंग नहीं कर सकें हैं जिससे तमाम किसान पीड़ित है सवाल उठता है कि धान बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करने का समय बीत गया है अभी तक उनके अभिलेखों का सत्यापन नहीं हुआ है यदि सत्यापन निरस्त हो गया तो सरकारी धान खरीद केदो में किसान धान कैसे बचेंगे किसानों के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है लेकिन सत्यापन के नाम पर वसूली करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर पर आखिर अंकुश कौन लगाएगा जिससे किसानों को राहत मिल सके विभागीय अफसर से लेकर खरीद से जुड़े अफसर कंप्यूटर ऑपरेटर पर अंकुश लगाने में सफल होते नहीं दिख रहे हैं जिससे किसानों की चिंता बढ़ जाना स्वाभाविक है

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