लखनऊ राजधानी लखनऊ के बड़े बाजारों में खरीदारी करने वाले ग्राहकों का टोटा व्यापारी मानते हैं ऑनलाइन शॉपिंग को मुख्य वजह
लखनऊ राजधानी लखनऊ के बड़े बाजारों में खरीदारी करने वाले ग्राहकों का टोटा व्यापारी मानते हैं ऑनलाइन शॉपिंग को मुख्य वजह
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
कभी गुलजार रहने वाले भूतनाथ जैसे बड़े बाजारों में ऑनलाइन शॉपिंग के चलते पसरा हुआ है सन्नाटा टूट गई मध्यम वर्गीय व्यापारी की कमर
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ रायबरेली
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों से भी लोग अनेकों कार्य के लिए पहुंचते हैं पहुंचने के साथ ही लोग राजधानी के बड़े बाजार हजरतगंज अमीनाबाद भूतनाथ में करते थे खरीदारी परंतु लगभग कुछ सालों से इन सभी बाजारों का हो चुका है बुरा हाल गायब हो चुके हैं खरीदारी करने वाले ग्राहक ऐसा क्यों कुछ वर्षों पहले तक राजधानी के इन्हीं बाजारों में इतनी भीड़ होती थी की पैदल चलना मुश्किल होता था परंतु आज आराम से पूरे बाजार को चार पहिया वाहन के साथ घुमा जा सकता है जिसका मुख्य कारण दो सबसे पहला कारण ऑनलाइन जिसपे लोग घर बैठे ऑडर कर के समान मागा लेते दूसरा राजधानी की लगभग हर चौड़ी सड़क पर कपड़े मिठाइयों बर्तनों के बड़े बड़े शो रूम खुल चुके है अब लोग बाजार न जाकर बगल से खरीदारी कर लेते जिसके कारण भी बाजारों में पसरा सन्नाटा ऑनलाइन नेटवर्क इस प्रकार कमर तोड़ रखी है कि व्यापारी पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर खड़ा हो चुका है जो वास्तु दुकानदार को थोक में खरीद पड़ती है उसी दाम में ऑनलाइन पर वह बिक जाती है साथ ही घर भी पहुंचा दिया जाता है इन्हीं सब कारणों के चलते कभी गुलजार रहने वाले राजधानी के बाजार आज सन्नाटे में है अब समस्या यह है कि सरकारों को बनाने तथा बिगड़ना में व्यापारियों का अहम योगदान होता है अब व्यापारी वर्ग अपनी पीड़ा किसी से कह भी नहीं सकता जिसका लाभ वर्तमान में लोग पूरी तरह से उठा रहे हैं डिजिटल के नाम पर लूट हो रही है परंतु जिम्मेदारों को कुछ भी दिखता नहीं है आज के समय मध्यम वर्गीय व्यापारी की वह हालत हो चुकी है कि वह अपनी पीड़ा ना ही किसी से बता सकता है ना ही दिखा सकता है जिसका मतलब साफ-साफ है कि जिम्मेदार लोग व्यापारियों को लेकर बने हुए हैं मूक दर्शक पूरी तरीके से यह वक्त नवरात्रों का है जिसमें सभी बाजारों में होती थी भीड़ लोग करते थे खरीदारी फिर चाहे नवरात्रों की प्लेट कटोरी चम्मच मिक्सी प्रेशर कुकर गैस स्टोव बिक्री हो या फिर साड़ी सलवार सूट की सभी दुकानों पर ग्राहकों की होती थी मौजूदगी होती पर कुछ वर्षों से पूरी तरह से नदारत हो चुके हैं मुख्य बड़े बाजारों से ग्राहक एक व्यापारी ने नाम ना छाप ने की शर्तें बताया कि सबसे अधिक टैक्स व्यापारियों द्वारा ही दिया जाता है सरकार को उसके बाद भी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर मध्यम वर्गीय व्यापारियों का कर रही है शोषण उनकी परेशानियों की तरफ सरकारें नहीं दे रही है किसी प्रकार का ध्यान व्यापारी ने कहा कि एक विपक्षीय पार्टी के बड़े नेता ने अपने हर भाषण में कहा कि लोगो की जेब में पैसा होगा तो बाजार जायेगे खरीदारी करेगे तो वही पैसा सरकार के पास आएगा तो देश का विकाश होगा परंतु लोग खरीदारी कर भी रहे तो ऑनलाइन जिसका पैसा देस में है या विदेश में किसी को नही मालूम व्यापारी ने कहा अगर सरकार ऑनलाइन को लेकर कोई कदम नहीं उठाएगी तो मध्यम वर्गीय व्यापारी खुदरा दुकानदार पूरी तरह से हो जाएंगे खत्म रिपोर्टर द्वारा व्यापारी से सवाल करने पर की क्या सरकार बदल जाएगी तो सुधर जाएगी मध्यम वर्गीय व्यापारियों की हालत इस पर व्यापारी ने कहा कि कल भी हम वर्तमान सरकार के साथ थे आगे भी रहेंगे बस सरकार से इतना सा निवेदन है कि मध्यमवर्गी व्यापारियों को बचाने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाया जाए
Post a Comment