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दिल्ली अमेरिका-चीन सैन्य वार्ता फिर से शुरू होने से भारत पर क्या पड़ेगा असर

 लखनऊ दिल्ली अमेरिका-चीन सैन्य वार्ता फिर से शुरू होने से भारत पर क्या पड़ेगा असर



अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ रायबरेली


 अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हाल में आयोजित हुए एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग  शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग की मुलाकात हुई समिट में दोनों नेता दोनों देशों के बीच समानता के आधार पर फिर से शुरू करने और उच्च स्तरीय सैन्य संचार शुरू करने पर सहमत हुए बता दें कि पूर्व अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की पिछले साल ताइवान यात्रा की वजह से अमेरिका-चीन तनाव चरम पर पहुंच गया था और दोनों देशों के बीच सैन्य संचार बाधिक हो गया था इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात केवल द्विपक्षीय मामला नहीं है बल्कि इसका भारत पर गहरा असर है रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए यह अपने राजनयिक और रणनीतिक दृष्टिकोण को फिर से परखने का क्षण है रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक बदलावों के बीच भारत को खुद एक जटिल स्थिति में पाता है जो चीन के साथ लगातार सीमा पर तनाव का सामना कर रहा है जिसका उदाहरण ट्वेंटी ट्वेंटी के गलवान घाटी संघर्ष से लिया जा सकता है अमेरिका-चीन संबंधों की बदलती गतिशीलता पड़ोसी देश चीन को लेकर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है. हालांकि  अमेरिका और चीन के साथ संबंधों पर भारत का दृष्टिकोण बहुआयामी है चीन के प्रति अमेरिका के नजरिये में बदलाव के क्या हैं मायने रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया और इंडो-पैसिफिक में हाल की स्थिति खासकर इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता के मद्देनजर भारत और अमेरिका को अपने संबंधों को और आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है. अमेरिका ने फिर से पुष्टि की है कि इंडो-पैसिफिक एक उच्च प्राथमिकता बना हुआ है

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