वन कर्मियों की मौन स्वीकृति पर परमिट के नाम पर उजाड़े जा रहे हरे भरे बाग
वन कर्मियों की मौन स्वीकृति पर परमिट के नाम पर उजाड़े जा रहे हरे भरे बाग
बजहा गांव में काटे गए दर्जनों प्रतिबंधित पेड़
धौरहरा खीरी। वनरेंज धौरहरा क्षेत्र में लंबे अरसे से तैनात कुछ वन कर्मियों की लकड़कट्टो से जुगलबंदी पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन गई है। और चांद पेड़ों के परमिट के नाम पर लकड़कत्ते हरे-भरे प्रतिबंधित प्रजात के पेड़ों का धड़ल्ले से सफाया कर रहे हैं। ताजा मामला धौरहरा क्षेत्र के बजहा गांव का है जहां लकड़ कट्टो द्वारा स्थानीय वन रक्षक व वन कर्मियों से साथ गांठ कर 10 कलमी पेड़ों के परमिट पर प्रतिबंधित प्रजाति के करीब 20 पेड़ काट डाले जिनमें 10 देसी आम के पेड़ों के साथ-साथ शीशम , जामुन के पेड़ भी शामिल हैं। धौरहरा वन रेंज में तैनात कुछ कर्मचारी , रक्षक बने भक्षक की परिकल्पना को साकार कर रहे है।
वन रक्षक आर के दीक्षित के इसारे पर काटे जा रहे प्रतिबंधित पेड़
वन रेंज धौरहरा क्षेत्र में वन कर्मियों की सरपरस्ती में फलफूल रहे अवैध लकड़ी के व्यापार के चलते लकड़ कट्टो द्वारा धड़ल्ले से हरे भरे पेड़ों का सफाया किया जा रहा है। वनकर्मियो की कर्तव्यनिष्ठा का आलम यह है कि क्षेत्र में होने वाले अवैध कटान की जानकारी ईमानदार वन कर्मचारियों को पहले से ही होती है। नाम न छापने की शर्त पर एक लकड़कट्टे ने बताया की साहब से स्वीकृति के बाद ही कटान शुरू किया जाता है। और मामला तूल पकड़ने पर साहब जुर्माना की कार्यवाही करके मददगार बन जाते है। बजहा गांव में हुए अवैध कटान से संबंधित जानकारी लेने पर रेंज में तैनात वन रक्षक आर के दीक्षित ने एक व्यक्ति को फोन पर बताया कि अभी और जगह भी कटान होना है। उक्त बातचीत वन कर्मियों की संलिप्तता पर मुहर लगा रही है।
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