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प्रेमभूषण महाराज पर हुई संतों की कृपावृष्टि।

 प्रेमभूषण महाराज पर हुई संतों की कृपावृष्टि।


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प्रयागराज-पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के व्यासत्व में 14 से 22 जनवरी तक आयोजित श्रीरामकथा के तृतीय सत्र में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए पूज्यश्री ने कहा कि प्रभु जब कृपा करते हैं तब कोई उनका दास बनता है।सब को ज्ञानी और भगत भी नही बनाया जा सकता।हर किसी का बनना विगड़ना प्रकृति के आधीन होता है।मनुष्य की बहुत ही सुंदर परिभाषा देते हुए पूज्यश्री ने कहा कि, भगवान की लीला से अज्ञानी को ही  मनुष्य कहते हैं। पूज्यश्री ने अपनी कथा के माध्यम से लोगों को आगाह करते हुए कहा कि बाबा लोगों के आशीर्वाद  पर आश्रित न रहे,इससे कुछ नही होने वाला है, यदि इससे कुछ होता तो दूसरे का मंगल करने वाले हमारे जैसे सब लोग इधर-उधर क्यों विचरण करते, भटकते?अतः सत्कर्म करते हुए जीवन पथ पर चलते रहे।गौर तलब है कि, आओ गायें रामकथा घर घर में इस आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता, मानस के सिद्ध साधक, व्यवहार घाट के ओजस्वी प्रवक्ता के रूप में  व्यासपीठ से सुखमय जीवन के मानस प्रेमसूत्र से श्रोताओं को लाभान्वित करते रहते हैं। 

पूज्यश्री वर्षों से एक लोकप्रिय भजन सुनाते हैं.. संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी.. जो तीर्थराज में आज  अक्षरशः चरितार्थ होता दिखाई दे रहा था जब पूज्यश्री की 

महाकुंभ कथा में  अनंत श्रीविभूषित पूज्यपाद द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद जी महाराज सहित अनेक संतों की पावन उपस्थित हुई और उनके दर्शन और आशीर्वाद की कृपावृष्टि से पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज सहित श्रोताओं का जनसैलाब धन्य धन्य हो गया।

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