ट्रैफिक अव्यवस्था की भेंट चढ़ी ज़िंदगी, आरटीओ-प्रशासन बने मूकदर्शक
ट्रैफिक अव्यवस्था की भेंट चढ़ी ज़िंदगी, आरटीओ-प्रशासन बने मूकदर्शक
सुल्तानपुर।शहर की सड़कों पर सुरक्षा और व्यवस्था का हाल बेहाल है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी अब तक अपनी प्राथमिकता तय करने में लगे हैं। नवागत आरटीओ के पदभार ग्रहण करने के बाद भी सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई है। शहरवासियों का आरोप है कि नए आरटीओ पहले अपने विभागीय दलालों को “सेट” करने में लगे हैं, बाकी कार्य बाद की सूची में हैं।
जागरूकता अभियानों और फोटोशूट के जरिये अपनी सक्रियता दर्शाने की कोशिश करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। यही लापरवाही हाल ही में शहर के प्रतिष्ठित स्कूल के बाहर एक पिता की जान ले चुकी है।
सबसे चिंताजनक स्थिति MGS चौराहे की है, जहां रोज़ाना भीषण जाम लगता है। अभिभावकों की मानें तो यहां एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी तक तैनात नहीं रहता। यह इलाका स्कूली बच्चों की भीड़, सब्जी बाजार और सरकारी परिसर से घिरा है, लेकिन व्यवस्था के नाम पर सब शून्य है।
सिविल लाइन से पर्यावरण पार्क तक जिले के प्रमुख अधिकारी निवास करते हैं, लेकिन इलाके की ट्रैफिक व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। यहां तक कि लालडिग्गी, सैनिक कार्यालय से लेकर कान्वेंट स्कूल और हनुमान मंदिर तक महज आधे घंटे (1:00 से 1:30 बजे तक) ट्रैफिक नियंत्रण हो जाए, तो काफी हद तक हालात सुधर सकते हैं।
MGS चौराहे की अव्यवस्था की एक बड़ी वजह वहां पर फैली अवैध सब्जी मंडी भी है, जो सरकारी जमीन पर संचालित हो रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका की तरफ से कोई भी हस्तक्षेप अब तक नहीं हुआ है।
यह पूरी रिपोर्ट शहर के अभिभावकों और आम नागरिकों की ओर से भेजी गई है, जो अपने बच्चों की सुरक्षा और सुचारु ट्रैफिक व्यवस्था की माँग कर रहे हैं।श्री न्यूज़ 24सुल्तानपुर से शेष कुमार सिंह की रिपोर्ट
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