राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में अंताक्षरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में अंताक्षरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
जौनपुर
राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जमुहाई के सांस्कृतिक क्लब द्वारा अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय सभागार में बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। कार्यक्रम आरंभ होते ही पूरा वातावरण साहित्यिक और सांस्कृतिक रस से भर गया।प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा का परिचय देते हुए दोहा, चौपाई, सोरठा और छंद की उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ दीं। प्रतियोगिता को अलग‑अलग चरणों में बाँटा गया, जिसमें स्मरण‑शक्ति, साहित्यिक ज्ञान और त्वरित उत्तर देने की क्षमता की परख की गई। जब‑जब छात्रों ने कबीर, तुलसी और रहीम के प्रसिद्ध दोहे सुनाए या भावपूर्ण चौपाइयाँ गाईं, पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सोरठा और छंद की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भारतीय काव्य परंपरा की गहराई का अनुभव कराया।कार्यक्रम में छात्रों का उत्साह देखने लायक था। प्रतिभागियों ने न केवल साहित्यिक विधाओं का सुंदर प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी टीम भावना और त्वरित उत्तर देने की क्षमता से निर्णायकों और दर्शकों को प्रभावित किया। दर्शक दीर्घा में बैठे छात्रों ने भी तालियों और उत्साहवर्धन से माहौल को और जीवंत बना दिया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मिथिलेश पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्यिक विधाओं का अभ्यास छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दोहा, चौपाई और छंद हमारी सांस्कृतिक विरासत के अमूल्य रत्न हैं, और इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ नई पीढ़ी को इनसे जोड़ने का कार्य करती हैं।
सांस्कृतिक क्लब के संयोजक डॉ. प्रशांत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम शिक्षा को आनंदमय और जीवनोपयोगी बनाते हैं। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे साहित्य और संस्कृति को आत्मसात करें और अपने जीवन में उसकी प्रेरणा लें।निर्णायक मंडल ने प्रतियोगिता का निष्पक्ष मूल्यांकन करते हुए अंत में परिणाम घोषित किए। विजयी प्रतिभागियों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार प्राप्त कर छात्रों के चेहरे पर खुशी और गर्व की झलक साफ दिखाई दी। कार्यक्रम के इस अवसर पर, डॉ कमलेश कुमार सिंह, डॉ 0 तेजप्रताप सिंह, डॉ0 कुंवर दिलीप प्रताप सिंह, डॉ अजय सिंह, डॉ विनोद सिंह, डॉ0 रणविजय सिंह आदि शिक्षक एवं महाविद्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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