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भीड़ ने एक और पुलिसकर्मी को निगला

भीड़ ने ली एक और पुलिसकर्मी की जान
यूपी 
By आदित्य सिंह
Zee News 24

उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जनपद मे आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के बाद शनिवार को यहां निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्त्ता द्वारा आरक्षण कि मांग को लेकर किये जा रहे धरना – प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मे एक पुलिस कर्मी शहीद हो गया, और कई लोग घायल हो गए, दो कि हालत गंभीर है, जिनका इलाज चल रहा है l

हिंसा में मारे गए पुलिस कर्मी सुरेश वत्स के बेटे विनीत ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उसने कहा, “जब पुलिस अपनों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है तो हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?” मुख्यमंत्री की ओर से 50 लाख के मुआवजे पर भी उसने कहा कि जब पिता ही नहीं रहे तो इस रकम का क्या करेंगे?

उत्तरप्रदेश में 28 दिन में भीड़ द्वारा पुलिसकर्मी की हत्या का दूसरा मामला है। 3 दिसंबर को भी हिंसक भीड़ ने बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह राठौर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुरेश वत्स प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे, और करीमुद्दीनपुर थाने में पदस्थ थे।

शनिवार को निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान जिले के अठवा मोड़ चौराहे पर जाम लगा था। कुछ ही देर पहले यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली खत्म हुई थी। रैली में आई गाड़ियां मुहम्मदाबाद की ओर जा रही थीं। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने निषाद समाज के लोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया। तभी भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स जख्मी हो गए। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद ग़ाज़ीपुर के डीएम के. बालाजी और एसपी यशवीर सिंह समेत ज़िले के सभी आला अधिकारी पहले घटनास्थल और उसके बाद अस्पताल पहुंचे l घटना में दो अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है, जब कि कई पुलिसकर्मियों को भी मामूली चोटें आई हैं
निषाद समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर ज़िले में कई जगहों पर पिछले कुछ दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं l निषाद पार्टी के नेता छत्रपति निषाद शनिवार को सुबह पत्रकारों से बातचीत में कहा था, “हम निषादों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं और अपने लोगों केबीच आरक्षण का संदेश फैला रहे हैं l इलाहाबाद से शुरू करके हम पूरे राज्य में प्रदर्शन करेंगे l चार साल हो गए, लेकिन हमारी मांगें कोई सुन नहीं रहा है l
इस मामले मे अबतक 19 लोगो कि गिरफ़्तारी हो चुकी है, मुख्य आरोपी पुलिस कि गिरफ्त से अभी भी दूर है l घटना पर यूपी पुलिस के डीजीपी ने ट्वीट कर दुख प्रकट किया है l

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