कोरोना का बहाना लेकर आरटीओ विभाग में नहीं बैठ रहे जिम्मेदार
कोरोना का बहाना लेकर आरटीओ विभाग में नहीं बैठ रहे जिम्मेदार
श्री न्यूज़ 24
राहुल कुमार गुप्ता
मुनब्बर अली
उरई जालौन
https://www.youtube.com/channel/UCsmROaRhdy37ZMwIgLeFtog
उरई कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
https://www.youtube.com/channel/UCSaUqIjnZwG2aJvoak9UWkQ
उरई कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
उरई
कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
श्री न्यूज़ 24
राहुल कुमार गुप्ता
मुनब्बर अली
उरई जालौन
https://www.youtube.com/channel/UCsmROaRhdy37ZMwIgLeFtog
उरई कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
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उरई कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
उरई
कोरोना का रोना बता करके आरटीओ विभाग ने तो अपना ढर्रा बना लिया है कि आफिस टाइम पर नहीं खुलेगा और आज कल सरकार भी चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन कुछ लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों लाकडाउन के नाम का पालन यूँ ही घरों चिपककरके बैठे बैठे का वेतन लेकलके लाकडाउन का पालन कर रहे हैं या फिर लापरवाही कहा जाये जो कि आफिस समय से नहीं खुला ही वल्कि दस बज के बीस मिनट तक ही नहीं वल्कि साढे़ दस के बाद ही कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जब एआरटीओ प्रशासनिक श्री मती से फोन पर बात होने बाद कहा गया कि आफिस खुला है और इन सब बातों पर हाँलाकि जिलाप्रशासन यदि शक्त हो जाये तो शायद आफिस समय पर खुलने लगे लेकिन जिस आफिस में पहुँचों वही पर यही नजारा देखने को मिला जब जिम्मेदारों से पूँछा गया तो वही घिसापिटा जबाब कोरोना की बजह है
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