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बनारस के हस्तशिल्पी ने अपनी कला से उकेरा भगवान् बुद्ध का सन्देश, सीएम से ज़ाहिर की ये मंशा

 बनारस के हस्तशिल्पी ने अपनी कला से उकेरा भगवान् बुद्ध का सन्देश, सीएम से ज़ाहिर की ये मंशा



श्री न्यूज 24

ध्रुव ज्योति नन्दी, वाराणसी


वाराणसी:- बनारस अपने विश्वप्रसिद्ध शिल्प और बुनाई के लिए बेमिसाल है और इसी का एक उदाहरण प्रसिद्ध मास्टर बुनकर छाॅही गाॅव के बच्चे लाल मौर्या हैं। बच्चे लाल मौर्या लगातार प्रधानमंत्री के आगमन पर उनके लिए अंगवस्त्रम तैयार करते आ रहे हैं।

इसी क्रम इस बार उन्होंनेअपने हैण्डलूम के   ताने बाने पर कैलिग्राफी विधि से ‘‘बुद्धम् शरणम् गच्छामि, घमम शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि ’’ और बीच में बोधी वृक्ष की पत्ती जिसका बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है, का अंगवस्त्रम तैयार किया।

इस सम्बन्ध में पदमश्री डाॅ रजनीकान्त ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काशी यात्रा की प्रतीक्षा में सभी लोग कर रहे है। उनके आगमन का संकेत मिलते ही कि प्रधानमंत्री देव दिवाली सहित सारनाथ के भी आयोजन में सम्मिलित होंगे, बच्चेलाल ने डिजाईन, नक्सा-पत्ता, का कार्य शुरू कर दिया और बौद्ध धर्म में प्रचलित रंगों का प्रयोग करते हुए मैरून कलर के अंगवस्त्र पर पीले रंग के रेशम के धागे से सबसे प्रचलित मंत्र को बुन दिया और साथ में पीपल के पत्ती की आकृति भी बिनाई किया।

डॉ रजनीकांत ने बताया कि बच्चेलाल की इच्छा है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सारनाथ में इसी अंगवस्त्र से प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनन्दन करें, जिससे बनारस के बुनकरों और शिल्पियों का गौरव बढ़ेगा।

डाॅ रजनीकान्त ने बताया कि यह जीआई पंजीकृत उत्पाद है एवं बनारस से शिल्प को ओडीओपी में भी चयनित किया गया है। इस कारण इस बौद्धिक सम्पदा अधिकार वाले शिल्प की महत्ता और बढ़ जाती है। पूर्व में भी बच्चेलाल मौर्या के द्वारा कैलिग्राफी के कई तरह के अंगवस्त्र प्रधानमंत्री समेत विभिन्न अतिविशिष्ट गणमान्य अतिथियों को भेंट किया जा चुका है।

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