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माँ भवानी श्रद्धा तो शिव हैं विश्वाश के प्रतीक

 माँ भवानी श्रद्धा तो शिव हैं विश्वाश के प्रतीक



हरिओम ने कहा शंकर व पार्वती का चरित्र है हम सभी के लिये अनुकरणीय 


 कनक भवन में राम कथा कहते कथा व्यास हरिओम तिवारी


श्री न्यूज 24/अदिति न्यूज 


जिला संवाददाता दलबहादुर पांडेय अयोध्या 


जगत वस्तुओं का नहीं विचारों का समूह है ईश्वर मूर्ति नहीं अंतर व्यवस्था है जो अदृश्य है जो बिना श्रद्धा के आप को प्राप्त नहीं हो सकता ईश्वर के प्रति हमें वैसे ही श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए जितना कि जब मेरे पिता अथवा श्रेष्ठ जन बाल्यकाल में उंगली पकड़ते थे तो जो संरक्षण हमें तब महसूस होता था वही संरक्षण ईश्वर के प्रति हमको महसूस करना चाहिए, यह बातें अयोध्या जी स्थित कनक भवन परिसर में राम कथा कहने के प्रथम दिन जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी व राम कथा मर्मज्ञ राघव चरण अनुरागी हरिओम तिवारी ने कहा उन्होंने बताया रामचरित्र मानस व राम कथा भगवान शिव के कृपा के बगैर संभव नहीं है आगे बोलते हुए उन्होंने समझाया की


अपने सरल व अडभंगी स्वभाव के चलते जिस प्रकार भगवान शंकर अपने भक्तों को कभी भी  निराश नहीं करते तथा उनके विश्वास पर सदैव सिद्ध रूप धारण करते हैं ठीक उसी प्रकार माता पार्वती भी अपने अर्धांग शिव जी में अटूट श्रद्धा रखते हुऐ इस भौतिक संसार को प्रेम रूपी पाठ का सीख देती हैं। अतएव  हम सब बहुत ही सरलता से कह सकते हैं कि दोनो लोगों का चरित्र प्रेम व विश्वास का परस्पर प्रतीक है। जो सभी के लिये अनुकरणीय भी है। 

यह बातें जिले के प्रसिद्ध रामकथा वाचक राघव चरणानुरागी ‘हरिओम तिवारी’ ने अयोध्या के कनक भवन मंदिर स्थित रामकथा मंडप में चल रही रामकथा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा की रामचरित्र मानस में बाबा ने भी माता पार्वती तथा भोलेशंकर जी के रूप का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है। राघव चरण अनुरागी की राम कथा आगामी 30 मार्च तक  सायं 4 बजे से 7:00 बजे तक प्रतिदिन संपन्न होगीl हरिओम तिवारी की कथा सुनने को कनक भवन परिसर में भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है

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