दिल्ली जहां एक तरफ हिंसा के चलते मणिपुर ठप पड़ा हुआ है वहीं दूसरी तरफ मणिपुर को ही लेकर संसद भी ठप पड़ी जो बहुत दुखद
लखनऊ नई दिल्ली जहां एक तरफ हिंसा के चलते मणिपुर ठप पड़ा हुआ है वहीं दूसरी तरफ मणिपुर को ही लेकर संसद भी ठप पड़ी जो बहुत दुखद
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ
मणिपुर की हिंसा ने वहाँ राज्य में ज़िंदगी को रोक रखा है और इधर दिल्ली में संसद को विपक्ष शायद हद से ज़्यादा ही आक्रामक दिखाई दे रहा है वह तो लोकसभा अध्यक्ष की बात तक नहीं मान रहा है राज्यसभा के सभापति से बहस भी कर ले रहा है यही वजह है कि संसद चल नहीं पा रही है वजह यह है कि लोकसभा अध्यक्ष विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को तो स्वीकार कर लिया है लेकिन उस पर बहस कराने में कुछ देरी की जा रही है विपक्ष का कहना है कि जब प्रस्ताव मंज़ूर हो गया है तो उस पर बहस क्यों नहीं कराई जा रही हैतुरंत बहस करवाइए
सत्ता पक्ष का कहना है कि नियमानुसार प्रस्ताव स्वीकार करने के दस दिन में बहस कराई जा सकती है तो फिर इतना अधीर होने की क्या ज़रूरत है करवा लेंगे बहस भी लेकिन विपक्ष को यह बात गले नहीं उतर रही है उसे इस देरी में भी सत्ता पक्ष की कोई चाल नज़र आ रही है इस बीच आप पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव मंज़ूर होने के बाद लोकसभा में कोई विधेयक पास नहीं कराया जा सकता जबकि सरकार धड़ल्ले से विधेयक पारित करवाए जा रही है यह नियम के विरुद्ध है लोकसभा अध्यक्ष को यह सब तुरंत रोकना चाहिए
उधर सरकार शायद विधेयक पारित करवाकर यह जताना चाहती है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव फ़ुस्सी बम है इससे कुछ नहीं होने वाला हालाँकि यह बात विपक्ष भी अच्छी तरह जानता है लेकिन उसका उद्देश्य भी सरकार गिराना नहीं बल्कि मणिपुर पर लम्बी बहस कराना और प्रधानमंत्री से उस पर जवाब माँगना है विधेयकों पर आपत्ति उठाने वाले राघव चड्ढा वहीं सांसद हैं जिनके सिर पर दो दिन पहले कौआ बैठ गया था संसद से लौटते वक्त उनके साथ यह घटना हुई थी भाजपा ने इस पर तंज कसा था- झूठ बोले कौआ काटे जवाब में राघव चड्ढा ने खुद भाजपा को ही कौआ बता दिया था
ख़ैर संसद में लगातार चले आ रहे गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीस सांसद आज मणिपुर पहुंचे हैं इनकी यह राह आसान नहीं होगी लेकिन वहाँ पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं यह सकारात्मक राजनीति ही कही जाएगी इस बीच भाजपा ने विपक्षी गठबंधन को लेकर अपनी असहजता से पार पा लिया है भाजपा विपक्षी गठबंधन के नाम इंडिया को लेकर बड़ी असहज थी इंडिया बनाम एन डी ए में एनडीए थोड़ा हल्का पड़ रहा था इसीलिए भाजपा ने तय किया है कि वह विपक्षी गठबंधन को विपक्ष कहकर ही संबोधित करेगी इस बारे में उसने पार्टी के प्रवक्ताओं और बाक़ी नेताओं को संदेश दे दिया है
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