लखनऊ कौशांबी गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं के आने-जाने और उनकी मृत्यु का विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं
लखनऊ कौशांबी गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं के आने-जाने और उनकी मृत्यु का विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं
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अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाद दाता संजय मिश्रा शिवगढ़ रायबरेली
कौशाम्बी पशुपालन विभाग में निन्यानब्बे पद सूचित होने के बाद केवल अड़तालिश पद पर तैनाती दी गई है जिससे पूरे जिले का पशुपालन विभाग विकलांग बना हुआ है विभाग में कर्मचारियों और चिकित्सकों की कमी से पशुपालन विभाग का खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा है बार-बार शासन से मांग किए जाने के बाद निदेशालय स्तर से कौशांबी में पशुपालन विभाग के कर्मचारियों की तैनाती पूर्ण नहीं की गई है जिससे सृजित पद के सापेक्ष उन्चास प्रतिशत लोगों की तैनाती है जिसके चलते गौ संरक्षण केंद्र की देखरेख ठीक से विभागीय अधिकारी कर्मचारी चिकित्सक नहीं कर पाते हैं और गौ संरक्षण केंद्र के संचालन में ग्राम पंचायतों की मनमानी चरम पर है स्थिति इतनी बदतर है कि ग्राम पंचायतों के गौ संरक्षण केंद्रों में आयोजित पशुओं की लगातार मौत हो रही है लेकिन आंकड़े उपलब्ध नहीं है
गौ संरक्षण केंद्र में पशु चिकित्सा अधिकारियों की सांठगांठ से पशुओं की मौत में आंकड़ों का खेल खेला जा रहा है कई वर्ष पूर्व शुरू हुई योजना में अभी तक गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं के आने-जाने और उनकी मृत्यु का विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं है पशुओं की उपस्थिति रजिस्टर नहीं बनाई गई है नए पशुओं का आगमन केंद्र में कब हुआ है और पशुओं की मौत कब हुई है कुछ भी लेखा-जोखा केंद्र से लेकर जिले तक उपलब्ध नहीं है पशुओं की मौत का कोई आंकड़ा विभाग के पास नहीं है विभागीय रजिस्टर न बनाए जाने के पीछे विभाग की सोची समझी रणनीति उजागर हो रही है यदि सरकार पशुओं के उपस्थिति का आंकड़ा रजिस्टर में दर्ज कर दे तो गौ संरक्षण केंद्र के कारनामों का खुलासा होना तय है लेकिन पशुपालन विभाग में कर्मचारियों की कमी होने से संपूर्ण व्यवस्थाएं नहीं बन पा रही हैं शासन को मामले को गंभीरता से लेना होगा कर्मचारियों की तैनाती करानी होगी और पशुपालन विभाग के गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं की उपस्थिति का प्रतिदिन लेखा-जोखा का रजिस्टर बनाने का निर्देश देना होगा तभी पशुपालन विभाग की विकलांग व्यवस्था सुचारू हो सकती है
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