लखनऊ सरोजनी नगर डॉ राजेश्वर सिंह ने किया वार्षिक प्रदर्शनी रियासत का उद्घाटन शिल्पकारों का बढ़ाया उत्साह
लखनऊ सरोजनी नगर डॉ राजेश्वर सिंह ने किया वार्षिक प्रदर्शनी रियासत का उद्घाटन शिल्पकारों का बढ़ाया उत्साह
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ
लखनऊ सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुधवार को ललित कला अकादमी में आयोजित क्राफ्टस काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की वार्षिक प्रदर्शनी 'रियासत' के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंच उद्घाटन किया। यहां उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभिन्न स्टॉल्स पर जाकर हस्तनिर्मित वस्तुएं भी देखीं तथा प्रदर्शिनी में सम्मिलित सभी शिल्पकारों संग बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन भी किया
बता दें कि इस सात दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शिनी में भारत के विभिन्न सोलह राज्यों से आए हुए कुशल कारीगरों ने अपनी अनूठी और उत्कृष्ट कृतियों को इसमें शामिल किया है जिसमें माहेश्वरी-चंदेरी कपड़ा अजरख, बनारसी भागलपुरी चिकनकारी कलमकारी हैदराबादी मोती गुजरात हथकरघा जूते नागालैंड आदिवासी सूट राजस्थानी चादरें व गृह सज्जा थारू कला जैसी हस्तशिल्प वस्तुएं हैं
शिल्पकारों को संबोधित करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि हस्तशिल्प देश की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का साक्षी है शिल्पकार संस्कृति के संवाहक है देश के गौरव हैं जिसके उत्थान के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें निरंतर संकल्पबद्ध हैं इसके परिणामस्वरुप ही हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में तीस प्रतिशत बढ़कर छातीस हजार करोड़ रुपये का हो चुका है बारह सौ करोड़ रुपये की इमीटेशन ज्वेलरी तथा दस हजार करोड़ से ज्यादा भदोही के कालीन का निर्यात हो रहा है
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पारंपरिक शिल्प कौशल को संरक्षित करने और इसे वैश्विक मंच पर प्रोत्साहित करने लिए कारीगरों की सराहना की अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि भारत में तीन हजार से अधिक शिल्पकलाएं है जिससे सत्तर लाख लोग जुड़ें हुए हैं, इसमें महिलाओं की सहभागिता है हाल ही में भारत में संपन्न हुए जी ट्वेंटी समिट में विदेश से आए मेहमानों को हस्तशिल्प वस्तुएं उपहार स्वरूप दी गई थी पीएम मोदी ने जरी वस्त्र शीशम की लकड़ी से बना बॉक्स कन्नौज की इत्र दिया इससे पहले जब बराक ओबामा भारत आए थे तो उन्हें रोगन पेंटिंग भेंट में दी थी यह रोगन पेंटिंग गुजरात के कक्ष की प्रसिद्ध रोगन कला जिसे पिछली पिछली आठ पीढ़ियों से एक ही परिवार संजोए है शिल्पकारी गुरु-शिष्य परंपरा का महत्वपूर्ण उदाहरण है जहां शिल्पकार अपनी कला को आने वाली पीढ़ियों को पहुंचाकर इसकी सततता को बनाये हुए हैं डॉ. राजेश्वर सिंह ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में ऐसी प्रदर्शनियों के महत्व पर जोर दिया
सरोजनीनगर में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि क्षेत्र में चालीस तारा शक्ति केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं जिसमें एक हजार सिलाई मशीनें वितरित की गई हैं जहां महिलाएं अपने हाथों के कौशल व परिश्रम से नई-नई वस्तुएं बना रही है मातृशक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए सौ तारा शक्ति सिलाई सेंटर स्थापित करना लक्ष्य है इस दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने क्षेत्र की महिलाओं के कौशल विकास के लिए एक बैच को सिलाई व कढ़ाई के कार्य को सीखने का आग्रह भी किया
कार्यक्रम में क्राफ्ट काउंसलिंग आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सीबी सिंह उपाध्यक्ष ज्योत्सना अरुण एवं सचिव साधना गुप्ता समेत देश के कोने-कोने से आए हस्तशिल्पकार उपस्थित रहे
Post a Comment