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देश के पहले अग्निवीर की शहादत..

 देश के पहले अग्निवीर की शहादत..



सेना से नहीं मिला सम्मान, प्राइवेट एम्बुलेंस से आई डेड बॉडी, बहनो ने दिया कन्धा... गांव के लोग नाराज़ हुए तो पंजाब पुलिस ने दी अंतिम सलामी 


केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना पर फिर एक बार सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, पंजाब के एक जवान की ड्यूटी के दौरान मौत होने के बावजूद उसकी पार्थिव देह को उसके घर प्राइवेट एंबुलेंस में पहुंचाया गया। सेना ने उसे सलामी भी नहीं दी।

पंजाब में मानसा जिले के 19 वर्षीय अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को 'अग्निवीर' बने थे। 11 अक्टूबर को वो J&K में गोली लगने से शहीद हो गए।

फौजी का पार्थिव शरीर सेना के वाहन की बजाय एंबुलेंस में आया। गार्ड ऑफ ऑनर भी सेना की टुकड़ी ने नहीं, बल्कि पंजाब पुलिस के जवानों ने दिया।


कांग्रेस का बयान...


 देश के लिए शहीद होने वाले अमृतपाल को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी नहीं दी गई। उनका पार्थिव शरीर एक आर्मी हवलदार और दो जवान लेकर आए। इसके अलावा आर्मी की कोई यूनिट तक नहीं आई। यहां तक कि उनके पार्थिव शरीर को भी आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से लाया गया। ये देश के शहीदों का अपमान 

सेना का वर्जन...

सेना की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्तूबर को राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को लगी बंदूक की गोली से चोट लगने के चलते मौत हो गई। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में मौत के कारणों को जानने की कोशिश की जा रही है। वहीं प्राइवेट एंबुलेंस से पार्थिव शरीर भेजने के आरोपों पर सेना ने कहा कि अग्निवीर की यूनिट द्वारा मृतकों के पार्थिव शरीर को एक सिविल किराये की एम्बुलेंस में ले जाया गया।     

मण्डल कोर्डिनेटर राजकुमार सिंह की रिपोर्ट

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