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सिर पर कलश धारण करने से श्रद्धालु की आत्मा पवित्र होती है - शास्त्री

 सिर पर कलश धारण करने से श्रद्धालु की आत्मा पवित्र होती है - शास्त्री


बदलापुर (जौनपुर) 


क्षेत्र के ग्रामपंचायत कठार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत  कथा के पहले दिन बुद्धवार को कथा स्थल से कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। कलश यात्रा राधा कृष्ण की सुंदर झांकियों के साथ शुरू हुई ।  जो गाँव के प्रमुख मार्ग नहर की पटरी, विठुआकला गाँव की सीमा से होकर कथा स्थल पर पुन: समाप्त हुई। 



कलश यात्रा के दौरान महिलाएं सिर पर मंगल कलश रखे हुए चल रही थीं। कलश यात्रा का ग्रामीणों  ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कलश यात्रा में भजन की धुन पर भक्त नाचते थिरकते चल रहे थे। जिससे गाँव का माहौल भक्तिमय हो गया। कलश यात्रा में   सरस्वती देवी, उर्मीला देवी, अमरावती, विमला देवी, आरती, राधा आदि लोग मौजूद थीं।  इस मौके पर मथुरा वृन्दावन से पधारे  कथावाचक  दासानुदास  चन्दन कृष्ण शास्त्री महाराज ने  कलश यात्रा का महात्म्य बताते हुए  कहा कि  सिर पर कलश धारण करने से श्रद्धालु की आत्मा पवित्र व निर्मल होती है।  कलश यात्रा में तीनों देवता   ब्रम्हा, विष्णु ,महेश  के साथ ही साथ तैंतीस कोटि देवी देवता स्वंय कलश में विराजमान होते हैं। उन्होंने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि   श्रीमद भागवत कथा के सुनने मात्र से ही प्राणी की मुक्ति हो जाती है। इसलिए सभी को भागवत कथा जरूर सुननी चाहिए । साथ ही मनुष्य को किसी भी प्रकार का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सब तो चलती फिरती माया है। इस दौरान राम बहादुर सिंह, शिव बहादुर सिंह, मंगला प्रसाद सिंह, रजनीश सिंह,उत्तम सिंह, रंजन सिंह, अमित सिंह, अवनीश सिंह, मंगला प्रसाद सिंह आदि बड़ी संख्या में भक्त गण मौजूद रहे।

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