लखनऊ डॉ. राजेश्वर सिंह ने वैश्विक मंच पर भारत को शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में बताया श्रेष्ठ पेश किए चौका देने वाले आँकड़े
लखनऊ डॉ. राजेश्वर सिंह ने वैश्विक मंच पर भारत को शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में बताया श्रेष्ठ पेश किए चौका देने वाले आँकड़े
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ
डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत की उद्यमशीलता पर विस्तृत आंकड़ों के साथ डाला प्रकाश कहा- वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में है भारत की महत्वपूर्ण भूमिका
लखनऊl एक हालिया बयान में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत को एक ऐसी सभ्यता के रूप बताया जो की ज्ञान से परिपूर्ण है और कहा कि भारत अपने डीएनए में ही प्रतिभा का एक जन्मजात भंडार रखता है उन्होंने वैश्विक मंच पर विशेषकर शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत के प्रभाव को रेखांकित करने के लिए चौंका देने वाले आँकड़े पेश किए
विधायक नें बताया कि पांच मिलियन से अधिक व्यक्तियों की श्रम शक्ति के साथ भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार्यशक्ति का खिताब हासिल है इसके अलावा भारत में एसटीईएम विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित स्नातकों के प्रमुख स्रोत के रूप में सालाना एक दशमलव पांच मिलियन से अधिक पेशेवर भारत से ही निकलते हैं
डॉ. राजेश्वर सिंह ने यह भी बताया कि वैश्विक बाजार मेंसाठ हिस्सेदारी के साथ भारत आउटसोर्सिंग और ऑफशोरिंग के लिए प्रमुख गंतव्य बन गया है भारतीय आईटी उद्योग जिसका मूल्य वर्तमान में दो सौ बिलियन से अधिक है के वर्ष दो हजार पच्चीस तक पैंतीस बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है
विधायक ने भारत की उद्यमशीलता की भावना पर भी प्रकाश डाला यह देखते हुए कि देश सौ से अधिक यूनिकॉर्न का घर है प्रत्येक स्टार्टअप का मूल्य एक बिलियन डॉलर से अधिक है यह जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में भारत की शक्ति को रेखांकित करता है
भारतीय कार्यबल की युवाशक्ति पर प्रकाश डालते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि औसत भारतीय श्रमिक तीस वर्ष का है जो भारत को विश्व स्तर पर सबसे युवा कार्यबलों में से एक बनाता है उन्होंने भारत को कौशल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से शिक्षा और प्रशिक्षण में भारत सरकार के महत्वपूर्ण निवेश और योगदान का भी जिक्र किया
डॉ सिंह नें आगे बताया कि प्रसिद्ध वैश्विक संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय पेशेवरों के आंकड़ों के माध्यम से वैश्विक मंच पर भारत के प्रभाव को और भी स्पष्ट किया है सिलिकॉन वैली में भारतीय-अमेरिकी लगभग पंद्रह प्रतिसत कार्यबल हैं जो प्रौद्योगिकी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं विशेष रूप से नासा के वैज्ञानिक चौतीस प्रतिसत माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी और आई बी एम के वैश्विक कार्यबल का एक तिहाई, कुल एक लाख तीस हजार कर्मचारी भारतीय मूल के ही हैं
अंत में डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत की मानव प्रतिभा के भविष्य के बारे में आशावाद व्यक्त किया और कहा कि यह आने वाले वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी
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