त्रिभुवन विदित अवध जेकर नउवा, बड़ा निक लागइ राघव जी का गउंवा-पूज्य राजन महाराज।
त्रिभुवन विदित अवध जेकर नउवा, बड़ा निक लागइ राघव जी का गउंवा-पूज्य राजन महाराज।
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भाईंदर- पूज्यश्री प्रेमभूषण जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त श्रीरामकथा वाचक पूज्य राजन जी महाराज के व्यासत्व में धर्मज्योति प्रचार सेवा संस्थान द्वारा भाईंदर पूर्व जैसलपार्क चौपाटी पर स्थित बालाजी ग्राउंड पर 25 जनवरी से 2 फरवरी तक आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा में पूज्य राजन महाराज ने कहा कि मानस के अनुसार जीवन में अधिकार मिलने के बाद अभिमान अवश्य आता है यही जीव के पतन का मूल होता है,इसलिए जीवन में सर्वस्व प्राप्ति को भगवान की कृपा प्रसादी मान लेने से जीवन अभिमान मुक्त हो जाता है।इस जीवन सूत्र को सरल करते हुए प्रेरक भजन.. मेरा राम की कृपा से सब काम हो रहा है..सुनाकर कहा कि, यह समर्पण भाव जीव को अभिमान मुक्त कर देता है।भगवान शिव का महिमा गान करते हुए कथा व्यास ने कहा कि, मान अपमान से जो परे हो वही शिव है, शिव जी के इस भाव को आत्मसात कर लेने से हमारा जीवन सुखमय हो जाता है।शिव भक्ति के बिना रामजी की भक्ति कभी प्राप्त नही होती
शिव विवाह की अद्भुत कथा सुनाते हुए पूज्य राजन जी ने मानस का अमूल्य सूत्र प्रदान करते हुए कहा कि, वैवाहिक संबंध हो जाने के बाद किसी को दोष नही देना चाहिए क्योंकि रिश्ते कोई व्यक्ति नही करवाता विधि के विधान के अनुसार ही होता है। भक्ति हमारी दृढ़ होनी चाहिए, भगत को सर्वकाल भयमुक्त हो कर जीना चाहिए क्योंकि..
विपत्ति काल में भगवान अपने भक्तों के प्रति ममत्व भाव रखते हुए अवतार लेकर रक्षा करते हैं।
पूज्य राजन जी की कथा अयोध्या में प्रवेश करती है अवध को श्रेष्ठतम बतलाते हुए पूज्य राजन जी ने महिमा गान में.. त्रिभुवन विदित अवध जेकर नउवा,बड़ा निक लागे राघव जी के गैंउआ..सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।श्रोताओं को भगवान के प्राकट्य उत्सव पर पूज्य राजन महाराज ने जैसे ही बधाई गान.. रघुवंशी दशरथ के घर मे दिन ही उगल अजोरिया हो.. प्रस्तुत किया श्रोताओं का समूह थिरकते हुए आल्हाद भाव में रामलला सरकार की जय का उद्घोष करने लगा।इस प्रकार पूज्य राजन महाराज ने अपने वैशिष्ठ के अनुरूप लगन उनसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा...
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा..
शिव दुल्हा सरकार के सिंगार होखत आ..
पूज्यश्री का हमने आंगन नही बुहारा कैसे आयेंगे भगवान ..सुनाकर भगवत प्राप्ति का सर्वोत्तम सूत्र बतलाते हुए कहा कि सदैव स्मरण रहे मन और हृदय को निर्मल किये बिना भगवत प्राप्ति कभी नही हो सकती
..अवतार लिहनी हो अवतार लिहनी..
.लगन उनसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा...
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा..
शिव दुल्हा सरकार के सिंगार होखत आ.. जैसे मोहक भजनों की लड़ियों से कथा को सजाकर राजन महाराज ने श्रोताओं को भक्ति के सागर में डुबो दिया।
पूज्यश्री का हमने आंगन नही बुहारा कैसे आयेंगे भगवान..सुनाकर भगवत प्राप्ति का सर्वोत्तम सूत्र बतलाते हुए राजन महाराज ने कहा कि यह बात सदैव स्मरण रहे मन और हृदय को निर्मल किये बिना भगवत प्राप्ति कभी नही हो सकती।
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इस मानस महोत्सव में विशेष रूप से लंदन से पधारे रामकथा प्रेमी पूज्य राजन जी की दुबई, लंदन सहित अनेक विदेशी शहरों में कथाओं के आयोजक रहे ग्लोबल बिहार कनेक्ट के प्रमुख डॉ उद्देश्वर सिंह ने भी यजमान अनूप दान बहादुर सिंह सुधाकर सिंह "बिसेन, शैलेश ठाकुर, दिनेशप्रताप सिंह, हरिशंकर दूबे(दाढ़ी) सरिता चौबे, श्रीमती अशोका तिवारी निशा शर्मा, प्रीति पाण्डे, सुधा दूबे आदि श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण करके अपना पुण्यवर्धन किया।
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