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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई.यह सरकारी आंकड़ा है, मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है.

 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई.यह सरकारी आंकड़ा है, मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है.



बताया जा रहा है कि प्रयागराज, महाकुंभ जाने वाली दो ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे स्टेशन पर भीड़ जमा होती चली गई. बताया यह भी जा रहा है कि अंतिम समय में कुंभ एक्सप्रेस का प्लेटफॉर्म बदल दिया गया इसी के चलते यात्रियों में अफरातफरी का माहौल बन गया. और दम घुटने, कुचले जाने से यात्रियों की मौत हो गई.


लगातार इस तरह के हादसे हो रहे हैं, रेलवे मंत्रालय की तरफ से हर बार एक ही बात कही जाती है-

"जाँच होगी, दोषियों पर कार्यवाही होगी, मुआवजा देंगे!"

और फिर अगला हादसा हो जाता है!


यह क्रिमिनल नेग्लिजेंस है! आपराधिक लापरवाही का नतीजा है!


क्या यह पहली बार हुआ जब रेलवे प्लेटफार्म पर इतनी बड़ी संख्या में यात्री इकट्ठा हुए? नहीं!


क्या रेलवे प्रशासन को नहीं पता था कि कुंभ के चलते अतिरिक्त भीड़ उमड़ेगी? बिल्कुल पता था!


क्या इससे पहले ऐसे हादसे नहीं हुए? हुए, लेकिन कुछ नहीं सीखा!


तो आखिर दोषी कौन?


भीड़ में कुचले गए लोग खुद ही ज़िम्मेदार हैं?


या फिर रेलवे मंत्री की जवाबदेही बनती है?


कहीं कोई इस्तीफ़ा? कोई जिम्मेदारी? कुछ भी?


बेगुनाहों की लाशें मुर्दाघरों में पड़ी हैं, लेकिन छवि बचाने और दूसरों पर दोष मढ़ने का खेल चालू हो चुका है.


इस तरह के हादसे पर जवाबदेही तय करने की जरूरत है। मण्डल कॉर्डिनेटर राजकुमार सिंह श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़

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