उमरिया में बसंतकालीन गन्ना बुवाई बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा द्वारा भव्य कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया
उमरिया में बसंतकालीन गन्ना बुवाई बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा द्वारा भव्य कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया
@डीपी मिश्रा
खम्भारखेड़ा,( लखीमपुर)
बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल खम्भारखेड़ा द्वारा विगत चार दिनों से लगातार विभिन्न ग्रामों में गन्ना बुवाई व रखरखाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, आज ग्राम उमरिया में बसंतकालीन गन्ना बुवाई को लेकर एक वृहद कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के वैज्ञानिक सहायक निदेशक डॉ. परवीन कुमार कपिल एवं पूर्व वैज्ञानिक डॉ. वी.सी. जादौन, बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबंधक (गन्ना) पुष्पेंद्र ढाका, सहायक महाप्रबंधक (गन्ना) राज सिंह, क्षेत्रीय प्रभारी शैलेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन ग्राम प्रधान उमरिया राम सुचित वर्मा द्वारा किया गया। संगोष्ठी में उपस्थित सभी किसानों को गन्ना छिलाई एवं बंधाई के दौरान सुरक्षा हेतु चश्मे वितरित किए गए।
वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को उन्नत खेती के महत्वपूर्ण सुझाव दिए
गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर से आए डॉ. परवीन कुमार कपिल ने बसंतकालीन गन्ना बुवाई, भूमि शोधन, बीज शोधन, एवं अधिकतम उत्पादन तकनीकों के साथ -साथ सहफसली खेती के लाभों पर किसानों को जागरूक किया। उन्होंने किसानों को गन्ने की पंक्ति से पंक्ति की न्यूनतम दूरी 4 फिट रखने, मृदा परीक्षण के आधार पर संतुलित उर्वरकों का उपयोग करने और नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने की सलाह दी
डॉ. वी.सी. जादौन ने किसानों को गन्ने की फसल पर लगने वाले प्रमुख कीटों एवं बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के उपाय बताए। उन्होंने स्वीकृत गन्ना किस्मों, बीज उपचार (थायोफिनेट मिथाइल द्वारा), भूमि उपचार (ट्राइकोडर्मा द्वारा), सिंगल बड तकनीक, ट्रेंच विधि, जैविक खाद, संतुलित उर्वरक प्रयोग एवं पेड़ी प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
इस अवसर पर बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबंधक (गन्ना) पुष्पेंद्र ढाका ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिबंधित एवं अस्वीकृत गन्ना प्रजातियों की बुवाई न करें। उन्होंने बसंतकालीन बुवाई हेतु को.0118, को.15023, को.लख.14201, को.शा.13235, को.लख.16202, को.शा.17231, को.शा.13231, को.98014 एवं को.लख.94184 जैसी उन्नतिशील गन्ना प्रजातियों को अपनाने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने ट्रेंच विधि से बुवाई करने एवं बीज व भूमि को ट्राइकोडर्मा तथा फफूंदनाशक घोल से उपचारित करने पर विशेष जोर दिया।
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवधेश कुमार गुप्ता का संदेश भी साझा किया गया, जिसमें उन्होंने किसानों को बसंतकालीन बुवाई हेतु ट्रेंच विधि (4 फिट) अथवा दूरी विधि (3 से 3.5 फिट) अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि चीनी मिल ने गत सत्र का सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है और वर्तमान सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान की भी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने किसानों से कोल्हूओं एवं खांडसारियों को गन्ना न बेचकर अपने बेसिक कोटे को मजबूत करने का आग्रह किया, ताकि आगामी पेराई सत्र में उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो सके।
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