जीव को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए- विनयानंद सरस्वती जी महराज
जीव को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए- विनयानंद सरस्वती जी महराज
महराजगंज जौनपुर
क्षेत्र के चारों गांव स्थित अध्यापक विनय कुमार मिश्र के यहां चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास विनयानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा कथा सुनाई जा रही है। वहीं शुक्रवार के दिन गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए बताया की 7 कोस लंबे चौड़े कालिकाल के देवता गोवर्धननाथ को 7 वर्ष के कन्हैया ने अपने सबसे छोटी उगली में 7 दिनरात अपनी अंगुली पर रखा। भगवान धारण किए रहे इंद्र देव का अभिमान तोड़ा। इस लिए जीव को कभी अभिमान नहीं करना चाहिए और कर्म करना चाहिए फल की इच्छा नहीं रखनी चाहिए,जिससे कर्म करोगे तो फल मिलेगा इसलिए भगवान ने भी कर्म को प्रधान बताते हुए कहा कर्म करना जीव का धर्म है फल देना मेरा काम है। वही कथा के दौरान पहुंचे अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर अतुल कुमार दुबे द्वारा कथा व्यास का माल्यार्पण करते हुए को भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट की गई साथ में संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष श्याम मिश्र, ब्लॉक प्रभारी पंकज उपाध्याय, जगदीश उपाध्याय प्रधान, सुरेंद्रनाथ तिवारी प्राचार्य, नागेंद्र मिश्रा अध्यापक, राजेंद्र प्रसाद मिश्र, अमरपाल तिवारी, दीपक मिश्रा, भैया लाल उपाध्याय, निलेश मिश्रा उपस्थित रहे वही कथा के मुख्य यजमान राममूर्ति मिश्र एवं निर्मला मिश्रा द्वारा आए हुए सभी आगंतुक के प्रति आभार प्रकट किया गया।
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