भारत ने अब हवाई हमलों को लेजर हथियार से विफल करने में सफलता हासिल की है।
भारत ने अब हवाई हमलों को लेजर हथियार से विफल करने में सफलता हासिल की है।
हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइलों, ड्रोन एवं और छोटे प्रोजेक्टाइल्स को निष्क्रिय करने की तकनीक में महारत हासिल करके कुर्नूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज (एनओएआर) में रविवार को एमके-2(ए) लेजर- डायरेक्ट एनर्जी वेपन (ड्यू) के सफल परीक्षण का प्रदर्शन किया। यह उपलब्धि हासिल करके भारत अमेरिका, चीन एवं रूस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया है।
अब कोई दुश्मन ड्रोन, हेलीकाप्टर या मिसाइल से हमें निशाना बनाने की कोशिश करेगा तो हमारी सीमा में घुसने से पांच किलोमीटर पहले ही उसे 30 किलोवाट की ऊर्जा वाली लेजर किरणों से नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।
🔸लेज़र हथियार क्या होता है?
लेज़र (LASER - Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation) हथियार एक प्रकार की निर्दिष्ट ऊर्जा हथियार प्रणाली (Directed Energy Weapon) होती है, जो लक्ष्य पर केंद्रित उच्च-ऊर्जा वाली लेज़र किरण छोड़ती है। यह हथियार:
•लक्ष्य को गर्मी के प्रभाव से नष्ट करता है।
•तेज़ और सटीक निशाना साध सकता है।
•पारंपरिक हथियारों की तुलना में कम लागत में काम करता है।
🔸DRDO द्वारा विकसित लेज़र प्रणाली:
DEW (Directed Energy Weapons): DRDO निर्दिष्ट ऊर्जा हथियारों पर दो प्रमुख श्रेणियों में काम कर रहा है:
•हाई-एनर्जी लेज़र (HEL)
•माइक्रोवेव हथियार प्रणाली
🔸लेज़र हथियारों के लाभ:
•त्वरित प्रतिक्रिया समय (Instant Response)
•अदृश्य हमला : बिना ध्वनि और प्रकाश के
•कोई गोला-बारूद नहीं : बार-बार उपयोग योग्य
•कम परिचालन लागत : DRDO के अनुसार, इसे कुछ सेकंड चलाने की लागत केवल 2 लीटर पेट्रोल जितनी होती है।
इसलिए यह तकनीक लंबे समय तक उपयोग योग्य और कम लागत वाला विकल्प बन सकती है, जो लक्ष्यों को आसानी से नष्ट कर सकती है।
🔸चुनौतियाँ:
• वातावरणीय प्रभाव जैसे धूल, धुंध या बारिश से लेज़र की क्षमता घट सकती है।
• लंबी दूरी तक प्रभावी बनाने के लिए अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है।
• तकनीकी जटिलता और सटीक लक्ष्य निर्धारण प्रणाली की ज़रूरत।
🔸निष्कर्ष:
• DRDO का लेज़र हथियार कार्यक्रम भारत को भविष्य की युद्ध प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
• यदि यह तकनीक पूरी तरह से सफल होती है, तो यह देश की रक्षा क्षमता को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी।
• यह प्रणाली न केवल वर्तमान खतरों से निपटने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य के लिए रणनीतिक लाभ भी प्रदान करेगी। मण्डल कॉर्डिनेटर राजकुमार सिंह श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़।
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