जनपद में हर्षोल्लास व भक्तिमय वातावरण में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती, आयोजित हुए विविध कार्यक्रम।
जनपद में हर्षोल्लास व भक्तिमय वातावरण में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती, आयोजित हुए विविध कार्यक्रम।
महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के अवसर पर मन्दिरों में आयोजित हुआ अखंड रामायण पाठ/भजन ।
श्री न्यूज़ 24 से अयोध्या मंडल ब्यूरो प्रमुख शुकुल बाजार अमेठी से रामधनी शुक्ला
अमेठी। शासन के निर्देश के क्रम में एवं जिलाधिकारी संजय चौहान व मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल के मार्गदर्शन में आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकी जी की जयन्ती जनपद में हर्षोल्लास व भक्तिमय वातावरण में मनाई गई। इस अवसर जनपद में कई आयोजन किये गए। श्रीराम/जानकी, हनुमान जी के मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन, दीपदान तथा माल्यार्पण के साथ ही अखंड रामायण का पाठ हुआ। बताते चलें कि महर्षि बाल्मीकि विश्व के आदि कवि हैं जिन्होंने प्रभु श्री राम के जीवन काल में ही कालजयी कृत रामायण की रचना कर मानवता को धर्म, नीति और आदर्श जीवन का मार्ग दिखाया। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि मानव जीवन, समाज और राष्ट्र निर्माण के मूल्यों की दिशा तय करने वाला आदर्श ग्रंथ है। इस ग्रंथ में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध का व्यापक प्रचार प्रसार आज के समय में भी समाज को मार्गदर्शन प्रदान करता है। जन सामान्य को इससे जोड़ने के लिए आज महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जनपद के सभी 13 विकासखंडों में स्थित 19 प्रमुख मंदिरों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन मंदिरों में देवी पाटन मंदिर अमेठी, हनुमान मंदिर सराय महेशा और फरीदपुर, रायपुर रामगंज का हनुमान मंदिर, घोरहा का हनुमान मंदिर, उल्टा गढ़ा माफी का हनुमान मंदिर, पालपुर, कठौरा और हुसैनगंज कला के हनुमान मंदिर, गौरा की हनुमानगढ़ी, मुसाफिरखाना के राम-जानकी मंदिर और पिंडारा करनाई के हनुमान मंदिर, संग्रामपुर का कालीकन धाम मंदिर, शाहगढ़ का जलामा हनुमान मंदिर, शुकुल बाजार के मवैया रहमतगढ़ स्थित हनुमान मंदिर व राम-जानकी मंदिर, तिलोई की हनुमानगढ़ी तथा सिंहपुर के रामपुर हनुमान मंदिर और अहोरवा भवानी मंदिर प्रमुख रहे। इन सभी स्थलों पर दीपदान, दीप प्रज्वलन, अखंड रामायण पाठ और संकीर्तन का आयोजन कर श्रद्धालुओं ने महर्षि वाल्मीकि जी के उपदेशों को आत्मसात किया। जनपद भर में सजीव भक्ति माहौल और सामूहिक सहभागिता ने सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव की अद्भुत झलक प्रस्तुत की। महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्श आज भी समाज में सदाचार, कर्तव्य निष्ठा और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करते हैं हम सभी को उनके विचारों को जीवन में उतारकर समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना चाहिए।
श्री न्यूज़ 24 से मंडल ब्यूरो प्रमुख शुकुल बाजार अमेठी से रामधनी शुक्ला की बड़ी खबर
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