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गेहूँ की फसल को खरपतवारों से बचाने के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी।

गेहूँ की फसल को खरपतवारों से बचाने के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी।



श्री न्यूज़ 24 से अयोध्या मंडल ब्यूरो चीफ शुकुल बाजार अमेठी से रामधनी शुक्ला




अमेठी। जिले में रबी सीजन की गेहूँ फसल को सुरक्षित रखने के लिए कृषि विभाग ने विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बुवाई के बाद खेतों में तेजी से उगने वाले विभिन्न प्रकार के खरपतवार फसल की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जिससे उपज में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि संकरी पत्ती वाले खरपतवार जैसे गेहूँसा, जंगली जई आदि के नियंत्रण के लिए सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत WG (13.5 ग्राम सक्रिय तत्व + 500 मि.ली. साल्वेंट) अथवा फिनोक्साप्राप-पी-ईथाइल 10 प्रतिशत EC की 400 मि.ली. मात्रा को 150–200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव किया जाए। चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार जैसे बथुआ, सैजी, कृष्णनील, सत्यानाशी, जंगली गाजर आदि के नियंत्रण के लिए मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 20 प्रतिशत WP (8 ग्राम सक्रिय तत्व + 200 मि.ली. साल्वेंट) अथवा 2,4-D सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत की 250 ग्राम मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी गई है। इनका छिड़काव पहली सिंचाई के 30 से 35 दिन बाद प्लैट फैन नॉज़ल से किया जाए। दोनों प्रकार के खरपतवारों के संयुक्त नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत + मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 5 प्रतिशत WG की 16 ग्राम मात्रा बुवाई के 25–30 दिन बाद प्रति एकड़ 150–200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। कृषि अधिकारी ने बताया कि खरपतवारनाशी 50 प्रतिशत अनुदान पर विकासखण्डों की कृषि रक्षा इकाइयों में उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसान भाई अपनी फसल में कीट या रोग संबंधी समस्या के निदान के लिए सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के मोबाइल नंबर 9452247111 एवं 9452257111 पर SMS/WhatsApp के माध्यम से समस्या का विवरण या पौधे की फोटो भेजकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को समाधान की सूचना 48 घंटे के भीतर उपलब्ध करा दी जाएगी

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