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लखनऊ जब राजस्थान सरकार के पास लाभार्थियों का डाटा मौजूद है तो महंगाई राहत शिविर में पंजीयन कराना क्यों अनिवार्य है

 लखनऊ जब राजस्थान सरकार के पास लाभार्थियों का डाटा मौजूद है तो महंगाई राहत शिविर में पंजीयन कराना क्यों अनिवार्य है



अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


पत्रकार प्रवीण सैनी लखनऊ

 

लखनऊ जयपुर राजस्थान में कर्मचारियों की हड़ताल के बीच चौबीस अप्रैल से राजस्थान भर में महंगाई राहत शिविर शुरू हो गए हैं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में लाभ प्राप्त करने वालों को इन शिविरों में पंजीयन करवाना अनिवार्य है सवाल उठता है कि जब सरकार के पास लाभार्थियों का रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद है  तब इन शिविरों में अनिवार्य पंजीयन क्यों करवाया जा रहा है भीषण गर्मी में घंटों इंतजार करने के बाद पंजीयन हो पा रहा है क्योंकि किसी न किसी योजना से प्रदेशवासी जुड़े हैं  इसलिए प्रदेशभर के लोगों को इन शिविरों में आना ही पड़ेगा रसोई गैस का सिलेंडर पांच सौ रुपए में लेने वालों को भी पंजीयन करना अनिवार्य है जबकि पांच सौ रुपए में सिलेंडर उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जिनका कनेक्शन केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना में मिला है राज्य सरकार के पास उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की सूची है ऐसे में सरकार चाहे तो उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर ही पांच सौ रुपए वाली सुविधा दे सकती है सौ यूनिट बिजली फ्री करने के मामले में भी सभी विद्युत वितरण निगम में उपभोक्ताओं का रिकॉर्ड उपलब्ध है किसानों को दो हजार यूनिट फ्री बिजली का रिकॉर्ड भी सरकार के पास पहले से ही है क्योंकि ऐसे उपभोक्ताओं को पूर्व में भी प्रतिमाह ग्यारह सौ रुपए की सब्सिडी मिल रही थी इसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा में पेंशन भी जिन व्यक्तियों को मिल रही है उसका रिकॉर्ड भी सरकार के पास है सरकार जरूरतमंद परिवारों को अन्नपूर्णा फूड पैकेट देगी यह फूड पैकेट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वालों को ही मिलेंगे सरकार के पास इन लाभार्थियों का रिकॉर्ड भी है चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्र व्यक्तियों का रिकॉर्ड तो सरकार के पास पिछले दो साल से है यानि ऐसी कोई योजना नहीं है जिसके लाभार्थियों का रिकॉर्ड सरकार के पास न हो सरकार चाहती तो अपनी घोषणाओं के अनुरूप लाभार्थियों को लाभ देना शुरू कर सकती थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इन महंगाई राहत शिविरों के पीछे राजनीतिक मकसद है इसलिए पंजीयन को अनिवार्य किया गया है प्रदेश में छह-सात माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में गहलोत सरकार यह दिखाना चाहती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ कांग्रेस सरकार द्वारा दिया जा रहा है बहुत सी योजनाओं में तो सीएम गहलोत का फोटो पहले ही लाभार्थियों को देखने को मिलता है किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को जो सब्सिडी और पचास यूनिट बिजली फ्री देने का काम चल रहा है  उसमें बिजली के बिल पर सीएम गहलोत का फोटो है और हर बिल पर यह दर्शाया गया है कि यह राहत सरकार द्वारा दी जा रही है चौबीस अप्रैल से शुरू हुए राहत शिविरों में भी सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार सरकारी तंत्र के दौरान किया जा रहा है।

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