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लखनऊ बागपत सिसाना में श्यामनाथ महाराज के भंड़ारे में उमड़ा जनसैलाब

 लखनऊ बागपत सिसाना में श्यामनाथ महाराज के भंड़ारे में उमड़ा जनसैलाब



अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली 



 सिसाना-निरोजपुर रोड़ पर स्थित श्री श्यामनाथ महाराज जी की समाधि पर हर वर्ष अखण्ड़ रामायण पाठ के साथ होता है विशाल भंड़ारे का आयोजन


संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ रायबरेली 



जनपद बागपत के सिसाना-निरोजपुर रोड़ पर स्थित श्री श्यामनाथ महाराज के चमत्कारी धाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अखण्ड़ रामायण पाठ और विशाल भंड़ारे का आयोजन किया गया भंड़ारे में उत्तर भारत के विभिन्न जनपदों से आये सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया  महाराज श्री के परमभक्तों में शुमार विनीत चौहान ने बताया कि महाराज श्री मूल रूप से बागपत के ग्राम सिसाना के रहने वाले थे महाराज श्री के पिता का नाम कलशाराम चौहान और माता का नाम मामकौर था। महाराज श्री नव भाई व एक  बहन में दूसरे नम्बर के थे  बचपन से ही उनकी धार्मिक कार्यो में विशेष रूचि थी। महाराज श्री ने वर्ष उन्नीस सौ इखतर में तीस से पैंतीस वर्ष की आयु में नाथ सम्प्रदाय से सन्यास की दीक्षा ली इसके उपरान्त उन्होंने सम्पूर्ण देश का भ्रमण किया और इस दौरान उन्होंने तप के माध्यम से अनेकों सिद्धियां हासिल की इस दौरान महाराज श्री के महान व्यक्तित्व व ज्ञान से प्रभावित होकर सम्पूर्ण देश में उनके सैकड़ो शिष्य बने बताया कि आठ नवम्बर उन्नीस  सौ सत्ताशी को कार्तिक पूर्णिमा के दिन पतला सोनीपत हरियाणा में महाराज श्री ने देह त्याग किया और अश्विन मास की प्रथम तिथि नव नवम्बर उन्नीस  सौ सत्ताशी को बागपत के सिसाना-निरोजपुर मार्ग पर उनको समाधी दी गयी। बताया कि  श्यामनाथ महाराज  सें संबद्ध मुख्य आश्रम गढ़ सरनाई पानीपत हरियाणा में है बताया कि हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को महाराज श्री की सिसाना-निरोजपुर रोड़ पर स्थित समाधि पर अखण्ड़ रामायण और सतसंग का आयोजन किया जाता है और अश्विन मास की प्रथम तिथि को विशाल भंड़ारे का आयोजन किया जाता है जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से आये श्रद्धालुगण भाग लेते है  सिसाना गांव के रहने वाले महाराजश्री के शिष्यों में से एक हुकुम सिंह ने बताया कि वर्तमान में महाराज श्री की समाधी की देखभाल महाराज श्री के सात वें नम्बर के भाई व महाराज श्री के परम भक्त ब्रहमपाल जी कर रहे है समाधि स्थल पर भगवान शिव परिवार, भगवान हनुमान सहित अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान है गुरू श्री ब्रहमपाल सिंह ने बताया कि महाराज श्री की मुख्य प्रतिमा जयपुर राजस्थान से बनवाकर समाधि स्थल पर स्थापित की गयी है इस अवसर पर ब्रह्मपाल गुरुजी विनीत चौहान पंडित अर्जुन मिश्रा नेशनल अवार्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन बीना अंजू, वीरदास माई जी निनाना आश्रम महंत स्वरुप दास  अध्यक्ष निनाना आश्रम नरेश चौहान  अंकिता मिथलेश टीना सहित सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।एल

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