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लखनऊ विश्व के सौ सबसे प्रदूषित शहरों में तिरसठ भारत के, यह समय प्रदूषण के खिलाफ एकजुट होने का - डॉ. राजेश्वर सिंह

 लखनऊ विश्व के सौ सबसे प्रदूषित शहरों में तिरसठ भारत के, यह समय प्रदूषण के खिलाफ एकजुट होने का - डॉ. राजेश्वर सिंह



झीलों तालाबों को गोद लेकर उनके संरक्षण को आरडब्लूए आएं आगे - डॉ. राजेश्वर सिंह


अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ


संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ 


लखनऊ सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह को देश और समाज के हित से जुड़े  ज्वलंत विषयों को मजबूत आंकड़ों के रखने और प्रभावशाली समाधान प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है मंगलवार को डॉ. सिंह ने पर्यावरणीय प्रदूषण की तरफ सभी का ध्यान आकृष्ट किया विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स ट्विटर  एकाउंट से आंकड़ों के साथ प्राकृतिक प्रदूषण के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए प्राकृतिक संतुलन को बचाने के लिए सभी को साथ आने और मजबूत पहल करने की अपील की


विधायक ने वायु प्रदूषण की गंभीरता को आंकड़ों के साथ प्रस्तुत करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा कि दुनिया के सौ  सबसे प्रदूषित शहरों में से तिरसठ शहर भारत में स्थित हैं, जिनमें देश की राजधानी नई दिल्ली भी शामिल है


जल प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने लिखा कि जल प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है, जिसके कारण धरती के ऊपरी हिस्से में स्थित  सत्तर प्रतिशत जल किसी भी रूप में उपयोग योग्य नहीं रह गया है  दो हजार तीस तक भारत के इकीस प्रमुख शहरों को भूजल की कमी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए देश में स्थायी जल प्रबंधन के लिए रणनीति बनाने की तत्काल आवश्यकता है


सरोजनीनगर विधायक ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा कि शहरों में ठोस अपशिष्ट उत्पादन बढ़ रहा है, जो वर्तमान में प्रतिवर्ष दो सौ साथतर मिलियन टन तक पहुंच गया है  इसी तरह प्लास्टिक कचरा एक बड़ा ख़तरा है, प्रतिदिन नदियों में पच्चीस हजार टन प्लास्टिक कचरा बहाया  जा रहा है, जिसने पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती प्रस्तुत की है


जैव विविधता को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने लिखा कि जैव विविधता वाले  नब्बे हॉटस्पॉट अपने अस्तित्व को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं जहां की करीब बारह प्रतिसत प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, डॉ. सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए लिखा कि इन पारिस्थितिक तंत्रों को संरक्षित और संरक्षित करने के प्रयासों से महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। वनीकरण और टिकाऊ वन प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार द्वारा किए गए ठोस प्रयास इन नुकसानों को कम करने और हमारे प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने में मदद कर सकते हैं


डॉ. राजेश्वर सिंह ने इन तमाम चुनौतियों के बाद भी सकारात्मक बदलाव को लेकर आशान्वित हैं, उन्होंने सरकार की नीतियों पर भरोसा व्यक्त करते हुए आगे लिखा कि सरकार की पहल जैसे सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध और सौ शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन को स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रणालियों में परिवर्तित करना पर्यावरण संबंधित चुनौतियों सामना करने की दिशा में सराहनीय पहल हैं

पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों से आह्वान करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने आगे लिखा कि आइए हम अपनी सरकार का समर्थन करें और इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई के लिए एक राष्ट्र और वैश्विक नागरिक के रूप में एकजुट हों  नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करके और प्रकृति संरक्षण प्रयासों को प्राथमिकता देकर हम अपने लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल एवं समावेशी भविष्य का निर्माण सकते हैं

पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में आमजन की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए, डॉ. राजेश्वर सिंह ने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों से तालाबों और झीलों को संरक्षित करने के लिए उन्हें गोद लेने और वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया हाल ही में डॉ. सिंह ने सरोजनीनगर के आरडब्ल्यूए को पुस्तकालय दान करने की पहल भी शुरू की, जिसकी शुरुआत भागीरथी एन्क्लेव से हुई उन्होंने कहा अच्छी किताब से बेहतर दूसरा कोई दोस्त कोई नहीं है सभी आरडब्ल्यूए के पास एक अच्छी लाइब्रेरी होनी चाहिए और मैं सरोजनीनगर के सभी  एक सौ चार आरडब्ल्यूएस में लाइब्रेरी स्थापित कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जिनमें विवेकानंद द्वारा लिखित चिंतन करो चिंता नहीं जैसी किताबें आरके नारायण द्वारा नानी की कहानी अमीश त्रिपाठी द्वारा राम - स्कोन ऑफ़ इक्ष्वाकु सचिन तेंदुलकर द्वारा प्लेइंग इट माई वे आदि और भी बहुत कुछ रहेगा जो सोने से भी अधिक मूल्यवान हैं

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