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योगी सरकार में वेलकम हुए जिले से लेकर तहसील तक के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों ने, एसी में बैठकर मोटी रकम वसूली करने में लगे हुए हैं,,,,

 योगी सरकार में वेलकम हुए जिले से लेकर तहसील तक के जिम्मेदार अधिकारियों कर्म


चारियों ने, एसी में बैठकर मोटी रकम वसूली करने में लगे हुए हैं,,,, 


बड़ी खबर अम्बेडकरनगर


अदिति न्यूज़ /श्री न्यूज़ 24 अयोध्या


ब्यूरों चीफ अयोध्या दल बहादुर पांडे


योगी सरकार में वेलकम हुए जिले से लेकर तहसील तक के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों ने, एसी में बैठकर मोटी रकम वसूली करने में लगे हुए हैं,,,, वर मरे चाहे कन्या उने दक्षिना से ही मतलब है


उत्तर प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों की सीयूजी  फोन उठाना और खासकर अंबेडकरनगर जनपद में जिम्मेदार अधिकारियों का फोन उठना हो गया  मुश्किल,,,,


पीडि़त फरियादियों ने दर दर ठोकरे खाने के लिए हो रहे है मजबूर जिम्मेदार अधिकारी बने है मौन,,,,,


योगी सरकार में दबंगो के हौंसले हैं बुलंद, अम्बेडकरनगर के बहुत चर्चित पत्रकार/ एडवोकेट  हरिमोहन दूबे पत्रकार समाज कल्याण सेवा समिति संगठन के अध्यक्ष/ संस्थापक की पुश्तैनी भूमि में मनबढ़ो दबंगों द्वारा घूर गोबर रखकर किया जा रहा अवैध कब्जा,,


अम्बेडकरनगर के आलापुर तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा लखमीपुर में गहराता जा रहा है भूमि विवाद का मामला


मनबढ़ दबंगों द्वारा तहसील एवं जिला प्रशासन के साथ साथ योगी प्रशासन को दी जा रहा खुली है चुनौती

बता दें कि इस समय उपजिलाधिकारी आलापुर सदानंद सरोज नेभूमि विवाद मामलों को निपटाने के लिए कर रहे हैं जी तोड़ मेहनत


लेकिन उनकी यह जी तोड़ मेहनत सिर्फ दिखावा ही साबित हो रहा है क्योंकि लखमीपुर का मामला एक आम नागरिक का नहीं है वह जबकि एक अम्बेडकरनगर के बहुत ही चर्चित पत्रकार का है


इस विषय में पत्रकार से बात करने पर उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन कई बार मौका मुआयना कर चुका है लेकिन अतिक्रमण को नहीं हटा पाया, सवाल उठता है की तहसील प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटा सकता है हटवाएगा कौन?,,,,


एक पत्रकार ही समाज का वह आईना होता है जो समाज में छिपी हुई अच्छाई और बुराइयों को उजागर करने का निस्वार्थ भावना से काम करता है


इस तरह से जब एक पत्रकार पीड़ित है तो ऐसी दशा में आम नागरिक का आलापुर तहसील में क्या हाल होता होगा यह आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं?


पत्रकार आए दिन आलापुर थाने एवं तहसील में प्रार्थना पत्र दे दे देकर थक गया है वह अपने पत्रकार संगठन के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने के लिए विवश हो रहा है


उपजिलाधिकारी सदानंद सरोज के ऐसे रवैए से अन्य पत्रकारों में भी बेहद है आक्रोश?


यदि पत्रकार की पुश्तैनी भूमि से अवैध कब्जा नहीं हटवाया गया तो पत्रकार संगठन के लोग जिला कलेक्ट्रेट और मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने करेंगे विशाल धरना प्रदर्शन,,,,,

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