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संयुक्त मेधा अलंकरण एवं वार्षिकोत्सव समारोह - 2024

 संयुक्त मेधा अलंकरण एवं वार्षिकोत्सव समारोह - 2024



आज दिनांक 28-10-2024 दिन सोमवार को दोपहर 02:30 बजे पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज (यू.पी.बोर्ड व सी.बी.एस.ई), लखीमपुर एवं सनातन धर्म सरस्वती विद्या मन्दिर बालिका इण्टर कॉलेज, मिश्राना, का ’संयुक्त मेधा अलंकरण एवं वार्षिकोत्सव समारोह’ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन एवं ज्ञानदायिनी मां सरस्वती की वन्दना से हुआ।

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री अरविंद सिंह चौहान प्रधानाचार्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय सीबीएसई बोर्ड ने मंचासीन अतिथि महानुभावों का परिचय कराया एवं डॉ0 योगेन्द्र प्रताप सिंह जी प्रधानाचार्य .प.दी.द.उ.स.वि.म.इं.का. यू.पी.बोर्ड ने तीनों विद्यालयों की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की।

मेधा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान यतीन्द्र शर्मा जी (माननीय अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री, विद्या भारती अखिल भारती शिक्षा संस्थान) अध्यक्ष के  रूप में मा0 श्री हरेन्द्र श्रीवास्तव जी (अध्यक्ष, भारतीय शिक्षा मंत्री उ0प्र0), विशिष्ट अतिथि के रूप में  श्री रामजी सिंह जी (प्रदेश निरक्षक, भारतीय शिक्षा समिति उ0प्र0), श्री शेषधर द्विवेदी जी (प्रदेश निरीक्षक काशी प्रान्त), श्री अवरीश जी (संभाग निरीक्षक, साकेत संभाग), श्री सुरेश जी (संभाग निरीक्षक, सीतापुर संभाग) उपस्थित रहकर छात्र/छात्राओं का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया।

मा0 यतीन्द्र  जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की तब सभी पशु पक्षियों को कुछ न कुछ सीखा कर भेजा परन्तु मनुष्य को कुछ नही सिखाया लेकिन उसे बुद्धि प्रदान की जिससे वे बुद्धि का प्रयोग कर दूसरों को सिखाएं व दूसरों को आगे बढ़ायें इसलिए बच्चों को अपनी बुद्धि के विकास के लिए सीखते रहना चाहिए। छोटे से गाँव नगला चन्द्रभान में जन्में पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के ग्राम को आज दीनदयाल धाम के नाम से जाना जाता है। उन्हीं महापुरुष के नाम पर इस विद्यालय का नाम रखा गया। दीनदयाल जी का बचपन कठोर संघर्ष में बीता, हम सभी बच्चों को उनके जीवन से सीख लेना चाहिए। अभिभावकों को भी अपने पाल्यों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिये, यह अभिभावकों का बच्चों के प्रति दायित्व है, क्योंकि परिवारों में संस्कारक्षम वातावरण बनाना हम सबका कर्तव्य है। स्वच्छता एवं ऊर्जा बचत पर ध्यान देना। बच्चों के साथ प्रतिदिन बातंे करना चाहिये। अध्यापकों को नवीन शिक्षा प्राणाली के अनुसार बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए। अध्यापक तथा अभिभावक मिलकर योग्य नागरिक बनावें जिससे भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित हों।

विद्या भारती विश्व का सबसे बड़ा बिना किसी राजकीय से शैक्षिक संगठन है। वर्तमान समय में विद्या भारती विस्तार सम्पूर्ण भारत वर्ष में है। विद्याा भारती से सम्बद्ध प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय स्तर तक 25000 से अधिक शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं। इनके अतिरिक्त सेवा बस्तियों में लगभग 2500 संस्कार केन्द्र तथा छोटे ग्रामों में 1800 से अधिक एकल विद्यालय राष्ट्र के शैक्षिक उन्नयन में संलग्न हैं।

प्रत्येक विद्यालय में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर विद्यालय का गौरवान्वित करने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल एवं प्रशस्ति पत्र एवं उनके अभिभावकों को ’गौरवशाली अभिभावक’ पुरस्कार तथा अन्य सर्वश्रेष्ठ 9 स्थानों पर रहने वाले छात्रों को सिल्वर मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज (सी.बी.एस.ई. बोर्ड) में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक नितेश वर्मा एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक शिवांश मिश्रा ,सनातन धर्म सरस्वती विद्या मन्दिर बालिका इण्टर कॉलेज में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक भाव्या सिंह एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक भूमि मौर्या एवं पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज (यू.पी. बोर्ड) में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक, आदर्श मौर्या एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक सौरभ वर्मा आदि भैया/बहनों को माननीय मुख्य अतिथि जी के द्वारा गोल्ड मेडल देकर प्रोत्साहित किया गया।

तीनो ही विद्यालयों के 6-6 आचार्य/आचार्याओं को उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान हेतु सम्मानित किया गया। साथ ही विद्यालयों के कार्यालय स्टॉफ एवं कर्मचारियों में से भी विशिष्ट कार्य हेतु एक-एक कार्यालय स्टाफ एवं 6 कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया गया। 

विद्यालयों में विविध क्षेत्रों जैसे -विज्ञान, संगीत, खेलकूद आदि में विशिष्ट योगदान देने वाले छात्र/छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। विद्यालयों में गत तीन वर्षों से निरन्तर शत प्रतिषत उपस्थित रहने वाले छात्र/छात्राओं को विशिष्ट पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर छात्र/छात्राओं द्वारा अनेक मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन एवं गीत प्रस्तुत किए गये।

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री आलोक अवस्थी जी एवं श्री कुन्तीश अग्रवाल जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम को अतिथियों, नगर के गणमान्य नागरिकों, अभिभावकों तथा छात्र/छात्राओं ने अपनी उपस्थिति से सफल बनाया।

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