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अयोध्या : अखबार की सुर्खियां बनने के बाद भी घृतराष्ट्र बन गया है जिला प्रशासन

अयोध्या : अखबार की सुर्खियां बनने के बाद भी घृतराष्ट्र बन गया है जिला प्रशासन, दलाल और कार्यालय के पेशकार, बाबू पर नही हुई एफआईआर


ग्राम न्यायालय बीकापुर मे बैठकर रेट फिक्स करते है दलाल और सफ़ाई कर्मी, खतरे मे संवेदनशील दस्तावेज और फाइले



कुछ तो खास है उस दलाल मे जो जिले मे प्रसिद्ध होने के बाद भी ग्राम न्यायालय का खासमखास है


सिस्टम का मोतियाबिंद


मामला बहु चर्चित जनपद के ग्राम न्यायालय बीकापुर से जुड़ा है कई बार अखबारों मे दलालो की पहचान और करतूत सार्वजनिक होने के बाद भी एक खास दलाल को वहाँ बैठाया जाता है दिनाँक 5 नवंबर को भी बेखौफ दबंग दलाल धर्मेंद्र को हमारे सूत्रों व स्थानीय लोगों ने न्यायालय के कार्यालय मे काम काज करते देखा, ग्राम न्यायालय बीकापुर मे खुलेआम कार्यालय की कुर्सियों पर चंद्रभान पटेल नाम के पेशकार और बाबू संदीप कुमार के संरक्षण मे दलालों द्वारा बैठकर मुकदमो का फैसला कराने के नाम पर जमकर भ्रस्टाचार हो रहा है कई शिकायतों के बाद हमारे व्युरो ने ग्राम न्यायालय के बारे मे लोगों से बात की वादकारियो और कई आसपास के लोगों ने बताया कि कोई सिस्टम नही पैसा दो फैसला लो, कार्यालय की कुर्सी पर धर्मेंद्र यादव नाम का दलाल बैठता है खुलेआम पैसा लेता है और काम कराता है किसी भी फ़ाइल मे 5 हजार की रिश्वत देकर आप जुर्म स्वीकार करा सकते हैं और घर बैठे भी फैसले की प्रति ले सकते है दलाल धर्मेंद्र यादव के साथ जितेंद्र नाम का नगर पालिका का सफाईकर्मी भी अपनी ड्यूटी छोड़कर ग्राम न्यायालय के कार्यालय मे बैठता है और लोगों से उगाही करता है आरोप है कि मुह मांगी रकम नही मिलने पर दलाल ग़रीब वादकारियो से अभद्रता भी करतें है जबकि दबंग पैसे देकर मनचाहे ढग से मामलों को निपटा दे रहे है 2017 से लेकर सैकड़ों की संख्या मे फाइलों को मनमाने ढंग भ्रस्टाचार की भेट चढ़ा कर न्याय की उम्मीद मे बैठे लोगों को ठेंगा दिखा दिया गया, ग्राम न्यायालय बीकापुर की मौजूदा न्यायधिकारी का दलाल ड्राइवर रहा है जिस कारण विवादो के बाद भी पीठासीन अधिकारी की कृपा उस पर बनी हुई है, दलाल खुलेआम लोगों को बताते है कि वो जो कहेंगे वही साहब करती हैं उनको शुद्ध देशी घी भिजवाया जाता है मामले के खुलासे ने सरकार के दावों की धज्जियां उड़ा दी है ग्राम न्यायालयों के जरिये त्वरित न्याय का झांसा देकर सरकार ने अधिवक्ताओं पर सीधी चोट की और जिलों से लाखों मुकदमो को इधर उधर भेज दिया गया अब वहाँ किसी वकील, न्यायाधिकारी की जरूरत नही है दलाल ही सारे मामलों का फैसला करते है अधिकारी तो सिर्फ़ हस्ताक्षर करने के लिए बैठे हैं

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