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सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस करने से बाज नही आ रहे हैं

 सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस करने से बाज नही आ रहे हैं




कुकरमुत्तों की भांति खुल रहे मेडिकल स्टोरों के संचालक देते हैं बढावा, कमीशन खोरी देकर बढाना चाहते हैं अपनी आमदनी


अदिति न्यूज़ श्री न्यूज़ 24 अयोध्या 


जिला संवाददाता उमाशंकर तिवारी 





अयोध्या। 

सरकारी चिकित्सकों पर प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के सरकारी फरमान का कोई कसर नही पड रहा है। ये सरकारी चिकित्सक जहाँ सरकार से हजारों रुपये महीने वेतन लेते हैं वहीं प्राइवेट प्रैक्टिस कर जनता दो तरीके से लूटते हैं पहला यह कि कम से कम एक सौ रूपये से कम इनका परामर्श शुल्क नहीं होता और दूसरा तरीका तो यह है कि मेडिकल स्टोर के संचालक से इनका 40 से 50% कमीशन दवाओं की बिक्री में तय होता है। कमीशन के लालच में डॉक्टर साहब अधिक से अधिक मंहगी व अधिकतम बचत वाली दवाएं रोगी को खरीदने का परामर्श देते हैं जिससे डॉक्टर साहब व मेडिकल स्टोर संचालक दोनों का जमकर कल्याण हो। रोगी अथवा उसके तीमारदार रुपए कहीं से लाएं इससे डॉक्टर साहब को मतलब है और न ही मेडिकल स्टोर संचालक को इन को तो केवल अपना भला ही देखना है। तमाम मेडिकल स्टोर खुलने के कारण अब आमदनी सीमित है तो कुछ मेडिकल स्टोर वाले प्राईवेट प्रैक्टिस भी करते हैं।

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