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रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब सोका- पूज्य राममोहन जी।

 रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब सोका- पूज्य राममोहन जी।


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नालासोपारा- पूज्य  राममोहन जी महाराज के व्यासत्व में श्रीराघव सरकार सेवासमिति द्वारा दि.14 से 20 जनवरी तक नालासोपारा पूर्व तुलिंज रोड पर राधानगर के लक्ष्मीपार्क मैदान में आयोजित श्रीरामकथा में कथा व्यास पूज्य राम मोहन जी महाराज  ने लंका विजय हेतु सेतुबंध प्रसंग के आश्रय में कथा गायन करते हुए कहा कि, प्रकृति जड़ होती है वह किसी की सुनती नही क्योंकि वह भगवान के अधीनस्थ उनकी आज्ञा के अनुसार ही कार्य करती है इसलिए प्रकृति के विपरीत कोई भी कार्य कदापि नही करना चाहिए। सुंदरकांड सुनने और गाने की सुंदर फल श्रुति बतलाते हुए कथा व्यास अपनी कथा के साथ लंका मे प्रविष्ट होते हैं वहाँ पर रावण के अहंकार और उसके अनिष्टकारी हठ का श्रोताओं के समक्ष वर्णन करते हुए सुंदर संदेश देते हैं कि जो भी व्यक्ति किसी की नही सुनता वही रावण होता है, जैसे रावण अपनी पत्नी परिवार, गुरू किसी की बात नही सुना।ऐसे व्यक्ति का विनाश और पतन सुनिश्चित होता है। अतः हम सभी लोगों को इस विचार,व्यवहार से सदैव बचना चाहिए।प्रभु के साथ समस्त वानर सेना लंका पर धावा बोल देती हैं, युद्ध के विभिन्न रोचक और करुणा प्रसंगों का श्रोताओं को दर्शन करवाते हुए कथा व्यास ने लंका विजय पर्व पर जय श्रीराम का श्रोताओं से बारंबार उदघोष करवाया । विभीषण  प्रभु कृपा से लंका के राजसिंहासन  पर आसीन होते हैं।

प्रभु माता सीता, लक्ष्मण जी एवं अपने वानर मित्रों, साथियों सहित पुष्पक यान से अयोध्या जी के लिए प्रस्थान करते हैं, माता सीता गंगा जी का पूजन करके अपनी मनौती पूर्ण करती हैं।हनुमान जी भरत जी को प्रभु आगमन का  संदेश सुनाकर उनके विरह को समाप्त करते हैं और प्रभु अयोध्या प्रवेश करते हैं।गुरू वशिष्ठ की आज्ञा से अयोध्या जी को सजाकर प्रभु के राजतिलक की तैयारी की जाती है,अयोध्या में घर घर आनंदोत्सव मनाया जाता है।कथा व्यास ने मोहक मंगल गीतों की प्रस्तुति से हर आयु वर्ग के श्रोताओं को थिरने, झूमने के लिए विवश कर दिया। प्रभु राम का प्रथम तिलक गुरू वशिष्ठ द्वारा हुआ इसी के साथ राजतिलक सम्पन्न हो गया।इस उत्सव प्रसंग पर पूज्य राममोहन दास ने मानस की इन पंक्तियों..प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा.. और रामराज बैठे  त्रैलोका, हरषित भए गए सब सोका। का गान किया जिसे सुनकर उपस्थित श्रोताओं ने पूरे जोश के साथ भक्ति भाव में सियावर रामचंद्र की जय, राजा रामचंद्र जी जय का उद्घोषणा करते हुए कथा प्रांगण में खड़े हो गए। इस प्रकार से कथा व्यास ने अपनी सात दिवसीय श्रीरामकथा को व्यास और समास विधि से  विश्राम प्रदान किया।

इस कथा उत्सव में उमड़े श्रोताओं के बीच आयोजन समिति के सूरज शुक्ला,उमेश दूबे,अजय तिवारी,प्रेमशंकर मिश्रा,विनोद तिवारी,वीणा शुक्ला,संध्या मिश्रा,ममता सिंह,पूजा सिंह, माधुरी तिवारी,प्रिया पाण्डे,सारिका मिश्रा के साथ अतिथि के रुप में उपस्थित होकर वरिष्ठ पत्रकार लालशेखर सिंह, के.आर. सिंह मास्टर,अशोक कुमार सिंह (महाराणा विद्याल) सुप्रसिद्ध व्यवसायी अजय सिंह,  समाज सेविका सुधा दूबे,दिनेशप्रताप सिंह  आदि गणमान्य जनों ने भी कथा श्रवण का पुण्यलाभ  अर्जित किया।

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