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हिंदू धर्म में बच्चों का मुंडन संस्कार जरूरी- स्वामी श्याम जी महराज

 हिंदू धर्म में बच्चों का मुंडन संस्कार जरूरी- स्वामी श्याम जी महराज



मुंडन संस्कार से बच्चों को मिलता है बल तेज और रोग प्रतिरोधक क्षमता 


महराजगंज जौनपुर 


क्षेत्र के पन्नी का पूरा भोसिला गांव में रामजीत उपाध्याय पूर्व प्रधानाध्यापक एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला संरक्षक के यहां नाती के मुंडन संस्कार कार्यक्रम के आयोजन उपरांत श्री रामचरितमानस पाठ हुआ जहां पर स्वामी श्याम जी महराज का आगमन हुआ वही मुंडन संस्कार पर लोगों को महाराज जी द्वारा जानकारी दी गई जहां उन्होंने बताया कि बच्चों में मुंडन संस्कार की धार्मिक मान्यता है कि जब शिशु गर्भ से बाहर आता है तो उसके सिर के बाल उसके माता-पिता के दिए होते हैं। ये बाल अशुद्ध होते हैं. बच्चे के गर्भ के बाल काटने के बाद ही उसकी बुद्धि पुष्ट होती, यहां तक की गर्भ के बालों का विसर्जन करने से बच्चे के पूर्व जन्म के शापों का मोचन हो जाता है. बच्चे के बालों में जो किटाणु चिपके रह जाते हैं वो भी नष्ट हो जाते हैं. बच्चे का बल, तेज और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मुंडन संस्कार को बहुत ही अहम माना गया है।शिशु के जन्म लेने के बाद 1 साल के अंत या तीसरे, पांचवे या फिर सातवें साल में शुभ मुहूर्त देखकर ही मुंडन संस्कार कराए जाने की प्रथा है. पंचांग के अनुसार मुंडन संस्कार के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि शुभ मानी जाती है. साथ ही अश्विनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, ज्येष्ठ, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में भी चूड़ाकर्म संस्कार करना उत्तम होता है. इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा जिला अध्यक्ष डॉ अतुल कुमार दुबे एवं महराजगंज ब्लॉक की पूरी टीम उपस्थित रही। वही आए हुए अतिथियों का आदर सत्कार अंकित उपाध्याय द्वारा बखूबी किया गया।

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