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बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा द्वारा बसंतकालीन गन्ना बुवाई के संबंध ग्राम बढ़ेहरा में आयोजित की वृहद कृषक गोष्ठी

बजाज चीनी मिल खम्भारखेड़ा द्वारा  बसंतकालीन गन्ना बुवाई के संबंध ग्राम बढ़ेहरा में आयोजित की वृहद कृषक गोष्ठी


@डीपी मिश्रा 

खंभारखेडा (लखीमपुर) बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल खंभारखेडा द्वारा जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में  ग्राम बढ़ेहरा में बसन्तकालीन गन्ना बुवाई के सम्बन्ध बृहद कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषक प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहाॅपुर के पूर्व वैज्ञानिक डा० वी.सी. जादौन एवं सहायक निदेशक डॉ० परवीन कुमार कपिल, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक खम्भारखेड़ा सुरेश कुमार चौधरी, चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) पुष्पेन्द्र ढाका, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) राजेन्द्र सिंह, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) राज सिंह, क्षेत्रीय प्रभारी अनूप कुमार अवस्थी, प्रशांत सिंह सहित सैकडों की संख्या में किसान मौजूद रहे। 


जिला गन्ना अधिकारी द्वारा बसंतकालीन गन्ना बुवाई में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग, गन्ना किस्म को०15023, को.शा. 13235, को. लख. 14201 तथा अन्य नवीनतम किस्मों की बुवाई लाइन से लाइन 4 फिट की दूरी रखते हुए करने की सलाह दी। साथ ही गन्ना किसानों को चश्मे भेंट स्वरूप वितरित किए ताकि गन्ना छिलाई एवं बंधाई के दौरान आने वाले जोखिमों को कम किया जा सके।


गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर से आए डॉक्टर परवीन कुमार कपिल  द्वारा बसंतकालीन गन्ना बुवाई, भूमि शोधन, बीज शोधन के साथ, प्रति इकाई गन्ना उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषकों से प्रजाति का सही चुनाव, गन्ने की लाइन से लाइन दूरी कम से कम 4 फिट रखने तथा मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों के प्रयोग करने की सलाह दी तथा वैज्ञानिक तकनीकी अपनाने पर जोर दिया


डा० वी०सी० जादौन द्वारा कृषकों को गन्ने की फसल पर लगने वाले कीट एवं बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। किसानों को गन्ने की स्वीकृत किस्मों, बीज का उपचार (थायोफिनिट मिथाइल द्वारा) एवं भूमि उपचार (ट्राइकोडर्मा द्वारा), गन्ना उत्पादन तकनीक, सिंगल बड तकनीक द्वारा गन्ना पौध तैयार करने, बसन्तकालीन गन्ना बुवाई, ट्रेंच विधि, कार्बनिक खाद, रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग, पेड़ी गन्ना प्रबन्धन आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। 


चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) द्वारा बताया गया कि किसी भी दशा में प्रतिबन्धित प्रजातियों अथवा अस्वीकृत एवं अन्य राज्यों की विकसित प्रतिबन्धित प्रजातियों की बुवाई कदापि ना करें। बसन्तकालीन गन्ना बुवाई में बुवाई से पूर्व बीज को फंफूदीनाशक एवं कीटनाशक से पूरी रात पानी के घोल में शोधित करके खेत को ट्राइकोडर्मा से शोधित करने के उपरान्त दो आंख के टुकडे़ की बुवाई करें। बसन्तकालीन गन्ना बुवाई में उन्नातिशील गन्ना प्रजातियों (को.0118, को.15023, को.लख.14201, को.शा.13235, को.लख.16202, को.शा.17231 एवं जलप्लावित क्षेत्र हेतु को.शा.13231, को.98014 एवं को.लख.94184) का ही चयन करें और ट्रैन्च विधि के माध्यम से गन्ना बुवाई करें।


ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सुरेश कुमार चौधरी द्वारा गन्ना विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के बारे में जानकारी प्रदान की तथा उनका लाभ उठाने हेतु कृषकों को आगाह किया। 


इस मौके पर चीनी मिल के वरि0 उपाध्यक्ष  अवधेश कुमार गुप्ता जी का संदेश कृषकों में साझा करते हुए बताया कि बसन्तकालीन गन्ना बुवाई ट्रैंच विधि (4 फिट) अथवा दूरी विधि (3 से 3.5 फिट) से ही करें जिससे गन्ने के उत्पादन में बढोत्तरी होगी। चीनी मिल ने गत सत्र का सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है और वर्तमान सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान की शुरूआत कर दी गयी है अतः कोल्हूओ/खाण्डसारियों पर अपना गन्ना न बेचकर अपना बेसिक कोटा मजबूत करें जिससे आगामी पेराई सत्र में लाभ प्राप्त हो सके।

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