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उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा विश्वविद्यालय जो बना बैठा है शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र। जानिए विस्तार से श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़ के रिपोर्टर राजकुमार सिंह के साथ........

 उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा विश्वविद्यालय जो बना बैठा है शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र। जानिए विस्तार से श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़ के रिपोर्टर राजकुमार सिंह के साथ........


उत्तर प्रदेश जिसे ज्ञान, संस्कृति और परंपराओं की धरती माना जाता है न सिर्फ भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश का गौरवशाली इतिहास रहा है। उत्तर प्रदेश में अनेक विश्वविद्यालय हैं जो न केवल अकादमिक उपलब्धियों के लिए बल्कि सांस्कृतिक योगदानों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा विश्वविद्यालय कौन-सा है? अगर आपका जवाब न है तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि उत्तर प्रदेश का सबसे विश्वविद्यालय कौन सा है।उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालयों की संख्या

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 6 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 30 से अधिक राज्य विश्वविद्यालय, 50 से अधिक निजी विश्वविद्यालय साथ ही साथ मेडिकल, लॉ, कृषि और तकनीकी जैसे क्षेत्रों से जुड़े विशेषीकृत विश्वविद्यालय मौजूद हैं। अगर बात करें उत्तर प्रदेश के सबसे छोटे विश्वविद्यालय के बारे में तो उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा विश्वविद्यालय वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को माना जाता है। वाराणसी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का कुल क्षेत्रफल मात्र 67 एकड़ बताया जाता है जो अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना और भौतिक संसाधनों के लिहाज से सबसे छोटा है। यह विश्वविद्यालय अपने परिसर की सीमितता के बावजूद, शिक्षा के एक खास क्षेत्र संस्कृत और प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा में देशभर में प्रतिष्ठित है।

ऐतिहासिक विरासत से भरपूर

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को की स्थापना वर्ष 1791 में हुई थी। इसे पहले शासकीय संस्कृत महाविद्यालय के रूप में शुरू किया गया था। बता दें कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा 1958 में मिला। आज यह विश्वविद्यालय संस्कृत भाषा, वेद, वेदांत, ज्योतिष, दर्शन, व्याकरण और साहित्य जैसे विषयों में शिक्षा प्रदान करता है। यह न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में संस्कृत शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

क्यों है यह विश्वविद्यालय खास?

सीमित क्षेत्रफल के बावजूद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय शैक्षणिक गुणवत्ता और संस्कृति की सेवा इसे विशिष्ट बनाती है। यहां पढ़ने वाले छात्र भारतीय परंपरा और शास्त्रों की गहराई को समझते हैं, जिसे आज की शिक्षा प्रणाली में दुर्लभ माना जाता है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविध राज्य में, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अपने छोटे क्षेत्रफल के बावजूद एक महान शैक्षणिक धरोहर के रूप में स्थापित है। यह दिखाता है कि किसी संस्था का आकार नहीं, बल्कि उसकी ज्ञान परंपरा और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ही उसे महान बनाती है। मण्डल कॉर्डिनेटर राजकुमार सिंह श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़।

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