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मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल सराय हृदयशाह का किया गया औचक निरीक्षण।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल सराय हृदयशाह का किया गया औचक निरीक्षण।



सीडीओ ने गोवंश संरक्षण एवं प्रबंधन व्यवस्था में तत्काल सुधार के दिए निर्देश।


सीडीओ के नेतृत्व में शीतकालीन    सुरक्षा, स्वच्छता    एवं गोवंश सुपुर्दगी प्रगति को और सुदृढ़    किया जाएगा।





श्री न्यूज़ 24 से अयोध्या मंडल ब्यूरो प्रमुख शुकुल बाजार अमेठी से रामधनी शुक्ला की खबर




जिला      अमेठी। मुख्य विकास अधिकारी सचिन कुमार    सिंह द्वारा आज अस्थायी   गोवंश आश्रय स्थल सराय हृदयशाह का औचक    निरीक्षण किया गया।   निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पंचायत सचिव तथा अन्य अधीनस्थ अधिकारी उपस्थित रहे। निरीक्षण के समय केंद्र में कुल 132 गोवंश संरक्षित पाए गए, जिनमें 34 मादा तथा 98 नर गोवंश शामिल थे। केंद्र पर लगभग 73 कुन्तल भूसा तथा 6 कुन्तल पशु आहार उपलब्ध पाया गया, किन्तु भूसा भंडारण कक्ष अपूर्ण होने के कारण मुख्य विकास अधिकारी द्वारा इसे तत्काल पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान गौशाला की स्वच्छता व्यवस्था अपेक्षित स्तर के अनुरूप नहीं पाई गई। इस पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि संपूर्ण परिसर की साफ-सफाई को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया जाए तथा गोवंश शेड, आहार क्षेत्र और जल निकास व्यवस्था में तत्काल सुधार सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि दिनांक 03 जनवरी 2025 को एक गोवंश सुपुर्द किए जाने के अतिरिक्त उसके बाद अब तक किसी पात्र लाभार्थी को गोवंश सुपुर्द नहीं किया गया है। इस पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि पूर्व में सुपुर्द किए गए गोवंशों का सत्यापन अविलंब संपादित किया जाए तथा पात्र पशुपालकों, कृषकों और लाभार्थियों को अधिकतम संख्या में गोवंश सुपुर्द किए जाएं, जिससे आश्रय स्थल पर भीड़ न बढ़े और पशुपालन को प्रोत्साहन प्राप्त हो। अभिलेख परीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 25 नवम्बर 2025 को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा भ्रमण किया गया था तथा दो कमजोर और कुपोषित गोवंशों के उपचार की प्रविष्टि पंजिका में अंकित है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी गोवंश आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण शासनादेश के अनुसार कराया जाए तथा उपचार, औषधि वितरण, आहार प्रबंधन और अभिलेख अद्यतन की प्रक्रिया शत-प्रतिशत सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि शीत ऋतु से बचाव हेतु त्रिपाल की व्यवस्था उपलब्ध है, किन्तु पुआल तथा काऊ-कोट की व्यवस्था अपेक्षित मात्रा में उपलब्ध नहीं है। अतः निर्देशित किया गया कि शीत ऋतु के दौरान गोवंशों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक संसाधन — जैसे काऊ-कोट, पुआल, अतिरिक्त बिछौना, रोशनदान बंदी तथा हवा रोक व्यवस्था अविलंब सुनिश्चित की जाए। गौशाला में वर्तमान में चार देखभाल कर्मी कार्यरत पाए गए तथा उनका अक्तूबर 2025 तक का मानदेय भुगतान उपलब्ध पाया गया। पेयजल की व्यवस्था गौशाला पर सुचारु पाई गई। इसके अतिरिक्त गौशाला के पास उपलब्ध भूमि को हरे चारे की बुवाई के उपयोग में लाने तथा गौशाला पर हरे चारे की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पंचायत सचिव एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को यह भी निर्देशित किया गया कि गोवंशों की सुपुर्दगी की कार्यवाही निरन्तर एवं प्रगति के साथ की जाए तथा सुपुर्दगी रजिस्टर, प्रवेश-निर्यात रजिस्टर और चारा-औषधि भंडार रजिस्टर प्रतिदिन अद्यतन रखे जाएं।  निरीक्षण के दौरान पाया गया कि गोवंश संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कुछ व्यवस्थाएँ संतोषजनक हैं, किन्तु स्वच्छता, भूसा भंडारण कक्ष की अपूर्णता, शीतकालीन सुरक्षा तथा गोवंश सुपुर्दगी की धीमी प्रगति ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें तत्काल सुधार आवश्यक है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि गोवंश संरक्षण, प्रबंधन एवं सुपुर्दगी से संबंधित कार्यों में संवेदनशीलता, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाए तथा सभी सुधारात्मक कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण कराते हुए आख्या प्रस्तुत की जाए।





अयोध्या मंडल ब्यूरो चीफ शुक्ल बाजार अमेठी से रामधनी शुक्ला की खबर

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