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भगवान का नाम कल्याण का खजाना- आचार्य कौशल किशोर

 भगवान का नाम कल्याण का खजाना- आचार्य कौशल किशोर 



जिला संवाददाता दलबहादुर पांडेय अयोध्या ।


भगवान का नाम कल्याण का खजाना है सभी सुखों की प्राप्ति भगवत कृपा से ही संभव है। भगवान के संकीर्तन से ही व्यक्ति को सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है। दोस्ती की मिसाल है श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता। उपरोक्त बातें क्षेत्र के गोयड़ी पूरे शुक्ल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस शुक्रवार को आचार्य कौशल किशोर मिश्रा ने कृष्ण सुदामा की मित्रता और परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहीं। सुदामा कृष्ण की मित्रता का प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे।

     सुदामा और कृष्ण की मित्रता का मार्मिक चित्रण करते हुए कथा व्यास ने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर भगवान से मिलने गए और जब घर वापस आये तो भगवान ने कृपा करके उनकी झोपड़ी को आलीशान महल बना दिया। सुशीला ने सुदामा से कहा, देखा कृष्ण का प्रताप, हमारी गरीबी दूर कर कृष्ण ने हमारे सारे दुःख हर लिए। सुदामा को कृष्ण का प्रेम याद आया। उनकी आंखों में खूशी के आंसू आ गए। दोस्तों, कृष्ण और सुदामा का प्रेम यानी सच्ची मित्रता यही थी। कृष्ण ने सुदामा को अपने से भी ज्यादा धनवान बना दिया था। दोस्ती के इसी नेक इरादे की लोग आज भी मिसाल देते हैं। आज भी दोस्ती के दौरान श्रीकृष्ण व सुदामा की मिसाल पेश की जाती है। कथा के समापन अवसर पर संस्कार भारती व राष्ट्रीय कवि संगम के जिलाध्यक्ष कवि अरुण द्विवेदी ने कथा में पधारे श्रोताओं का आभार जताया।

       इस अवसर पर मुख्य यजमान रामचंद्र धर दुबे एवं हरिश्चंद्र धर दुबे, धर्मेंद्र दुबे, वरूण दूबे,  सहित भारी संख्या में श्रोताओं ने कथा का रसपान किया।

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